
जनहित य़ाचिका में मांग की गई थी कि राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एस.के पांडे की अध्यक्षता में बनाई गई एक सदस्यीय जांच सीमित के बजाए हाईकोर्ट की सिंटिंग जज द्वारा यह जांच हो।
जस्टिस राजेन्द्र मेनन और जस्टिस अंजली पालो ने इस जनहित याचिका की सुनवाई समाप्त करते हुए याचिकाकर्ता को राहत के तौर पर यह भी निर्देशित किया की उनके द्वारा याचिका में उठाए गए मुद्दे जिनमें जेल अधिकारियों की जेल ब्रेक में भूमिका और उनकी संपत्ति की सीबीआई से जांच, एनकाउंटर के फर्जी होने से संबधित सभी मांगे आदि याचिका कर्ता जस्टिस एस.के पांडे की जांच सीमित के सामने उठाएं।