पंकज जैन/नई दिल्ली। सरकार ने भले ही कालाधन के खिलाफ नोटबंदी की हो परंतु सरकारी दफ्तरों में कालाधन को प्रचलित नोटों में बदलने का काला कारोबार लगातार जारी है। अब तक देश भर में हजारों करोड़ रुपए अवैध तरीकों से बदले जाने के मामले सामने आ चुके हैं। दिल्ली परिवहन निगम में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बदलने का घपला सामने आया है।
शुरुआती जांच के मुताबिक अधिकारियों की मिलीभगत से 8 करोड़ रुपए से ज्यादा के छोटे नोटों को पांच सौ और हजार के पुराने नोट से बदलकर बैंक में जमा कर दिया गया. फ़िलहाल परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने पूरा मामला एसीबी को सौंपने की बात कही है.
दिल्ली सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद 9 की सुबह हर डिपो पर ये आदेश दे दिया गया था कि 500 और 1000 रुपये के नोट नहीं लिए जायेंगे. बावजूद इसके 8 नवंबर के बाद 20 नवंबर तक अलग-अलग लगभग 20 डिपो पर 8 करोड़ 14 लाख (कुल 8,14,85,500) रुपये के पुराने नोट बदले गए. यानी बसों में टिकट से आये छोटे नोटों को देकर कई डिपो पर 500 और 1000 के नोट लिए गए.
सत्येंद्र जैन ने बताया कि शुरुआती जांच में जो शिकायतें मिली थी वो सही पायी गयी हैं. मामला सामने आने के बाद विभागीय जांच के आदेश दिए थे. अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश देकर मामले को एसीबी को सौंप दिया है. हालांकि सवाल ये खड़ा होता है कि क्या 8 करोड़ रुपए से ज्यादा का अमाउंट डीटीसी की कमाई का हिस्सा थे, या फिर ये किसी बड़े घोटाले की दस्तक है?