राजू सुथार/जोधपुर | जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के खिरजा ख़ास गाँव के शहीद हुए प्रभु सिंह का पार्थिव शरीर अभी कश्मीर से जोधपुर के सेतरावा ,बावकान गाँव होते हुए उनके पैतृक गाँव ले जाया जा रहा है। लोगों की काफी भीड़ जमा है।
आपको बता दें कि पिता चन्द्रसिंह के प्रभु अकेले पुत्र थे जबकि प्रभु सिंह की 4 बहने भी है जिसमें 2 की शादी हो चुकी है जबकि एक की शादी जनवरी महीने में तय करने के लिए प्रभु गाँव आने वाले थे लेकिन अभी वो कभी ज़िंदा गाँव नहीं आ सकते।
राइफलमैन प्रभु सिंह का परिवार 100 से ज्यादा सालों से देश के लिए शहादत दे रहा है। पहली शहादत सन् 1914 में उनके दादा अचल सिंह के दादा भभूत सिंह के बेटे अजीत सिंह ने दी थी। फिर I वर्ल्डवार में अचल सिंह के भाई गुलशन सिंह शहीद हुए थे। तबसे अब तक पांच पीढ़ियों ने देश की सेवा की। ऐसी दरिंदगी पहले नहीं देखी ।