भोपाल। शांति व्यवस्था में खलल डालने वाले उपद्रवियों को आने वाले समय में मप्र पुलिस ट्रेजर गन से नियंत्रित करेगी। इस गन से निकली पिन चुभते ही करंट का हल्का झटका देती है। इसका असर इतना प्रभावी होता है कि कुछ क्षण के व्यक्ति अचेत हो जाता है।
इस दौरान पुलिस उसे आसानी से पकड़ सकती है। पुलिस इसे प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल करेगी और फिलहाल इसे एटीएस और हॉक फोर्स को दिया जाएगा। ट्रायल के लिए तीन गन खरीदी जा रही है। सूत्रों की मानें तो भविष्य में हर जिले में इस तरह की गन देने की भी प्लानिंग है, जिससे विशेष परस्थितियों में पुलिसकर्मी इसका इस्तेमाल अपनी सुरक्षा व उपद्रवियों को नियंत्रण करने में कर सके।
यूपी के डीजीपी ने किया था खुद पर ट्रायल
इस गन का इस्तेमाल उपद्रवियों के अलावा पुलिस पर हमला करने वाले या भाग रहे अपराधी को रोकने के लिए भी किया जाता है। अब तक विदेशों में पुलिस इस तरह की गन का इस्तेमाल करती है। भारत में यह पिछले कुछ सालों में शुरू हुआ है। मालूम हो कि सितंबर में उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इसी तरह की गन का ट्रायल शुरू किया। जिसे यूपी पुलिस के डीजीपी जावेद अहमद ने अपने ऊपर चलवाकर टेस्ट किया था।
ऐसे काम करती है गन
ट्रेजर गन की रेंज अधिकतम 21 फीट है। इसे फायर करने पर इलेक्ट्रिक के दो वायर निकलकर व्यक्ति को चुभते हैं, इन वायर के अगले सिरे पर पिन लगी रहती है जिसके शरीर में चुभते ही 0.3 मैरी एम्पीएयर से कम झटके का करंट लगता है। इसके बाद व्यक्ति कुछ समय के लिए अचेत हो जाता है। 15 एमए से ज्यादा करंट का झटका शरीर में लगने पर खरतनाक हो सकता है।
इनका कहना है
नॉन लेथल स्टन गन, जिसे ट्रेजर गन भी कहते हैं, का इस्तेमाल भविष्य में करने की योजना है। फिलहाल तीन गन ली जा रही है जिसे एटीएस और स्पेशल फोर्स को दी जाएगी। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)