नईदिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आज जिस लालू प्रसाद यादव को चारा चोर और जोकर बुलाया है। मोदी उसी लालू यादव के साथ मिलकर बिहार में नीतिश कुमार की सरकार गिराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। लालू यादव भी इसके लिए सैद्धांतिक रूप से तैयार हैं। अब कुछ औपचारिकताएं रह गईं हैं। कुछ बंटवारे की बातें रह गईं हैं। यदि सबकुछ ठीक रहा तो यूपी चुनाव से पहले बिहार में धमाका हो जाएगा। इस तरह नरेंद्र मोदी, बिहार में 'सर्जिकल स्ट्राइक' करके नीतिश कुमार की सरकार गिरा देंगे। बताने की जरूरत नहीं कि मोदी और नीतिश के बीच 36 का आंकड़ा है।
सूत्र बताते हैं कि बाबा रामदेव ने लालू से मुलाकातों का सिलसिला शुरू किया था। बीजेपी और लालू के बीच कुछ संदेशों का आदान प्रदान हुआ है। यूपी चुनाव के नजदीक आते ही बिहार में महागठबंधन पर भी इसका असर दिखाई दे सकता है। ऐसे में लालू चाहेंगे अपने छोटे बेटे को सीएम की कुर्सी पर बिठाएं। बिहार में भी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार एक दूसरे के साथ सहज नहीं महसूस कर रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव ने राजनीतिक दांव चलना शुरू कर दिए हैं। लालू प्रसाद यादव बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी से मिल चुके हैं इसके अलावा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कुछ महीने पहले संघ मुख्यालय जाकर आशीर्वाद ले चुके हैं। बिहार इकाई के ज्यादातर नेता नीतीश कुमार के बजाय लालू प्रसाद यादव को पसंद कर रहे हैं। महादलित नेता जीतन राम मांझी की पसंद भी लालू प्रसाद यादव हैं।
बिहार में सीटों की स्थिति भी ऐसी है कि भाजपा जिस दल को समर्थन देगी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक उस दल का नेता आसानी से पहुंच जाएगा। बीजेपी के पास यहां 53 सीटें हैं जबकि आरजेडी के पास सबसे ज्यादा 81 सीटें। 70 सीटों के साथ जेडीयू के नीतिश कुमार सीएम बने हुए हैं, क्योंकि लालू की 81 सीटों का समर्थन उन्हें हासिल है। यदि फूट पड़ती है और नीतिश कुमार को कांग्रेस की 27 सीटें भी मिल जाएं तो सरकार नहीं बन सकती। सीएम तो तेजस्वी यादव ही बनेंगे। कहा जा रहा है कि बीजेपी उन्हें बाहर से समर्थन देगी। सरकार में शामिल नहीं होगी।
लालू प्रसाद यादव के लिए बीजेपी में कई बड़े नेता पीएम मोदी और अमित शाह के पास राजनीतिक फायदे को गिनाने में जुटे हैं। लालू प्रसाद यादव के लिए जो सबसे मजबूत कड़ी साबित हो सकते हैं वह है बाबा रामदेव, नितिन गडकरी, भूपेंद्र यादव, प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा।