राजेश शुक्ला/अनूपपुर। जहां देश भर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के शवों को लावारिस छोड़ दिया जाता है वहीं जिला चिकित्सालय अनूपपुर हुई एक महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उसका शव घर तक पहुंचाया परंतु इसी के साथ बवाल मच गया, क्योंकि महिला का शव अर्धनग्न अवस्था में था। अब महिला के शव के साथ दुष्कर्म हुआ या उसके अंग निकाल लिए गए, इसका पता जांच के बाद ही चल पाएगा।
23 वर्षीय महिला निवासी पटौराटोला वार्ड क्रमांक 2 अनूपपुर की मौत शनिवार 26 नवंबर की सुबह हो गई थी। देर शाम तक जब मृतिका का कोई भी परिजन शव लेने के लिए अस्पताल नहीं पहुंचा तो अस्पताल प्रबंधन ने शाम को मृतिका का शव उसके घर भिजवा दिया। जहां मृतिका की सास ने शव की स्थिति को देखते हुए शव के साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका व्यक्त करते हुए कोतवाली अनूपपुर में शिकायत की। वहीं मायके पक्ष ने भी पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।
HIV संक्रमित थी महिला
जिला चिकित्सालय में महिला की मौत और उपजे विवाद पर सिविल सर्जन डा. एसआर परस्ते ने कहा कि मृतिका को 25 नवम्बर को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहां उसके शरीर में मात्र 1.7 एमजी रक्त था। जांच के दौरान यह भी पुष्टि हुई कि महिला एचआईव्ही संक्रमित है। इससे पूर्व महिला के पति की मौत भी एक वर्ष पूर्व इसी बीमारी के कारण हो गई थी। महिला की मौत के बाद जब कोई भी परिजन शव लेने नहीं आया तो स्थानीय लोगों के द्वारा बतलाये गए पते पर शव को भेज दिया गया।
सास ने लगाए आरोप
वहीं मामले में मृतिका की सास ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा जब शव उसके घर पर छोड़ा गया तो उसकी बहु के कपड़े अस्त व्यस्त थे। आधे-अधूरे कपड़ों में शव को घर लाया गया था। वहीं अस्पताल तक किसी भी परिजन के नहीं जाने पर उसने कहा कि मृतिका के 3 बच्चे हैं जिनमें से सबसे छोटी बेटी की उम्र महज डेढ़ वर्ष है उन्हें अकेला छोड़कर मैं नहीं जा पाई। बहू के शव की स्थिति की जानकारी उसके द्वारा मृतिका के मायके पक्ष को दिया गया जिनके द्वारा भी मामले की जांच की मांग की गई।