भोपाल। हर बोनसाई व्यक्तित्व आज बरगद बनने का दावा कर रहा है, लोग दावे और वादे तो बहुत करते हैं परंतु काम नहीं करते। यह उदगार थे सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार पद्मश्री डॉ ज्ञान चतुर्वेदी के वे माध्यम साहित्यिक संसथान लखनऊ एवं गयाप्रसाद खरे स्मृति साहित्य कला एवं खेल मंच भोपाल द्वारा आयोजित व्यंग्य की महापंचायत में अध्यक्ष के रूप में बोल रहे थे स्वराज भवन में आयोजित इस महापंचायत में संस्था की और से श्री अरुण अर्णव खरे ने अतिथियों का स्मृति चिन्ह व पुष्पहारों से स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन घनश्याम मैथिल अमृत ने किया। इस सत्र में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध व्यंगकार श्री सुभाष चन्दर व विशिष्ठ अतिथि श्री श्रवण कुमार उरमलिया ने भी अपने विचार रखे। आयोजन की रुपरेखा पर अट्टहास पत्रिका के संपादक श्री अनूप श्रीवस्तव ने विस्तृत प्रकाश डाला। इसके पश्चात वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ हरि जोशी केमुख्य आतिथ्य व श्री रामकिशोर उपाध्याय के विशिष्ट आतिथ्य में देश भर से पधारे व्यंग्यकारों ने अपनी चुनिंदा रचनाओं का पाठ किया।
रचनापाठ करने वालो में प्रमुख थे डॉ विमल शर्मा हरिओम तिवारी कैलाश मण्डलेकर विजी श्रीवास्तव सुदर्शन सोनी अनुज खरे रामकुमार चतुर्वेदी शांति लाल जैन अवनींद्र अंशुमान सुश्री शशि पांडेय कांता रॉय डॉ निहारिका रश्मि अशोक गौतम कान्ति शुक्ला डॉ राजेश श्रीवास्तव अरुण अर्णव खरे घनश्याम मैथिल आदि कार्यक्रम के अंत में माध्यम की और से सुश्री शिल्पा श्रीवास्तव ने सभी का आभार प्रकट किया।