अजय वर्मा/भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जायेगा। प्रदेश सरकार कर्मचारियों और उनकी दिक्कतों को भली-भाँति समझती है। कर्मचारियों की जायज़ माँगों पर शीघ्र फैसला किया जायेगा। सबको न्याय मिलेगा। श्री चौहान आज मंत्रालय पार्क में कर्मचारी संगठनों की महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कर्मचारियों को संकल्पित करवाया कि प्रदेश को दुनिया का सबसे अच्छा राज्य बनाने में पूरी निष्ठा और परिश्रम से कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सरकार एक नये भाव के साथ कार्य कर रही है। सब वर्गों की समस्यायें समझ कर, उनको दूर करने के प्रयास किये गये हैं। जनता के विकास और कर्मचारियों के कल्याण के अनेक कार्य किये हैं, आगे भी किये जायेंगे। सबका मान, सम्मान और सबका काम सरकार की रीति-नीति है। उन्होंने शिक्षकों को अल्प वेतन के विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार संवेदनशील है। लाड़ली लक्ष्मी जैसी अभूतपूर्व योजनाएँ संचालित की गई हैं। कभी 500 रूपये वेतन पाने वाले शिक्षकों को आज करीब 35 हजार रूपये वेतन मिल रहा है। कर्मचारियों के न्यायोचित माँगे बिना माँग किये पूरी हो रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि उनके सहयोग और परिश्रम का ही परिणाम है कि जिस राज्य की विकास दर कभी ऋणात्मक होती थी, आज वह देश में सबसे अधिक वृद्धि दर वाला राज्य है। लगातार 4 वर्षों से कृषि वृद्धि दर 20 प्रतिशत से अधिक है, जो दुनिया में अभूतपूर्व है। सिंचाई क्षमता 7.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 40 लाख हो गई है। सड़कों का जाल बिछा है। पॉवर सरप्लस है। सरकार के कार्यकाल में कर्मचारियों का वेतन बढ़ा है, तो आम आदमी की प्रति व्यक्ति आय भी 13 हजार रूपये से बढ़कर 60 हजार रूपये हो गई है।
श्री चौहान ने कहा कि नोटबंदी का फैसला अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसा निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जैसे युग पुरूष ही कर सकते हैं। उनके फैसले से गरीब प्रसन्न हैं। देश की अर्थ-व्यवस्था को जाली नोटों से डुबाने की दुश्मन देश ने जो बिसात बिछाई थी, वह बिखर गई है। आतंकवाद की कमर टूटी है। काले धन की व्यवस्था को करारा झटका लगा है। इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। देश और मजबूत होकर निकलेगा। उन्होंने कहा कि कैशलेस ट्रांजेक्शन और प्लास्टिक मुद्रा समय की आवश्यकता है। इस ओर तेजी से बढ़ना होगा। उन्होंने नर्मदा जी के संरक्षण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि नर्मदा तट के दोनों और वृक्षारोपण किया जाना है। तट के किसानों को भी फलदार वृक्षारोपण के लिये प्रेरित किया जायेगा। फल आने तक 20 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के मान से उनके नुकसान की भरपाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा गरीब मेधावी बच्चों को प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों की फीस देने की भी योजना बनाई गई है।
राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार के 11 वर्ष के कार्यकाल ने दिखाया है कि स्वर्णिम मध्यप्रदेश में क्या हो सकता है। सब वर्गों की चिंता और कल्याण के कार्य हुए हैं। जनता के लिए जनता के द्वारा जनता के शासन का स्वरूप साकार हुआ है।
सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य ने कहा कि सरकार के ग्यारह वर्ष में खुशहाली, समानता और समरसता का वातावरण बना है। उन्होंने कर्मचारियों का आव्हान किया कि कभी भी ऐसा कोई भी कार्य नहीं करें जिससे आमजन का मन दु:खी हो।
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री सुधीर नायक ने कहा कि सरकार के 11 वर्ष में कर्मचारियों को बिना माँगे मिलने लगा है। हर संवर्ग के कल्याण के कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि संवाद सम्मेलन का आयोजन अब से प्रतिवर्ष दो दिवस का होगा। सम्मेलन के प्रथम दिवस कर्मचारियों के मध्य आपसी विचार-विमर्श होगा। दूसरे दिन मुख्यमंत्री के समक्ष उसे प्रस्तुत किया जायेगा। प्रांताध्यक्ष लिपिकवर्गीय कर्मचारी संघ श्री मनोज वाजपेयी ने भी संबोधित किया।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने माँ नर्मदा और 11 कन्याओं का पूजन किया। वंदे-मातरम और मध्यप्रदेश गान का गायन सुश्री सुहासिनी जोशी और उनके दल ने किया। गढ़ाकोटा के लोक कलाकारों ने नर्मदा माँ की महिमा के लोकगीत बंबूलिया की प्रस्तुति दी। संचालन श्री सुभाष वर्मा ने किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को संवर्गीय विसंगतियों पर उच्च-स्तरीय समिति का प्रतिवेदन सौंपा गया। इस अवसर पर खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री रमेश चंद्र शर्मा भी मौजूद थे।