नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर पहले से तैयारी नहीं करने की सरकार की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वास्तव में ऐसे लोगों को इस बात की पीड़ा है कि उन्हें खुद किसी तरह की तैयारी का समय नहीं मिला। नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष की ओर से सरकार पर हमला तेज किये जाने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर इन लोगों को 72 घंटे का वक्त मिल जाता तो वे प्रशंसा करते।
संविधान दिवस पर एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले की बहुत कम आलोचना हुई है। लेकिन कुछ लोग अब भी आलोचना कर रहे हैं कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की। मेरा मानना है कि मुद्दा यह नहीं है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की थी। बल्कि मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को इस बात की पीड़ा है कि सरकार ने उन्हें किसी तैयारी का मौका नहीं दिया। अगर इन लोगों को तैयारी करने के लिए 72 घंटे मिल जाते तो वे तारीफ करते कि मोदी जैसा कोई नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिनों देश भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ रहा है और इस लड़ाई में आम नागरिक एक सैनिक है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल में कानूनों और संविधान का दुरुपयोग करने वालों ने देश को भ्रष्टाचार में डुबो दिया है। वैश्विक भ्रष्टाचार सर्वेक्षणों में भारत का नाम प्रमुखता से आने को गर्व नहीं करने की बात बताते हुए उन्होंने कहा कि देश का नाम उंचा करने के लिए कुछ फैसले लेने होंगे। प्रधानमंत्री का ये बयान कल राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के तीखे हमले की पृष्ठभूमि में आये हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल उच्च सदन में कहा था कि सरकार का यह कदम ‘संगठित और कानूनी लूट-खसोट’ है।
संसद भवन में संविधान के डिजिटल संस्करण का विमोचन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे संविधान का हम लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। क्योंकि 26 नवंबर के बिना 26 जनवरी अधूरी है। इसलिए संविधान की आत्मा से जुड़ना जरूरी है।