जबलपुर। रिश्वत के रूप में लोकायुक्त में जब्त किए गए एक-एक हजार के पुराने नोट के एक मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता को राहत दे दी है। जस्टिस एसके गंगेले और सुबोध अभ्यकर की खंडपीठ ने लोकायुक्त को निर्देश दिया है कि एक-एक हजार के नोट के रूप में जो एक लाख रुपए रिश्वत के जब्त किए थे उन्हें शिकायतकर्ता को वापस किया जाए, क्योंकि नोटबंदी के कारण उसके नोट रद्दी हो जाएंगे।
सागर निवासी बालक सिंह की शिकायत पर लोकायुक्त ने करीब 4 साल पहले तत्कालीन एसडीओ फॉरेस्ट कैलाश वर्मा को ट्रैक्टर छोड़ने के एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। नोट एक-एक हजार के थे। मामले की सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ लोकायुक्त के अधिवक्ता पंकज दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार को हाईकोर्ट ने पंकज दुबे की दलील सुनने के बाद याचिका स्वीकार कर ली।
बाद में किसी काम के नहीं नोट
शिकायतकर्ता बालक सिंह की ओर से अधिवक्ता सोम मिश्रा ने न्यायालय में आवेदन दिया कि लोकायुक्त ने जो उनके एक-एक हजार रुपए के नोट जब्त किए थे वे वापस किये जाएं। 31 दिसंबर के बाद ये नोट चलन से बंद हो जाएंगे। यदि बाद में फैसला उनके पक्ष में आता है तो एक-एक हजार के नोट उनके किसी काम के नहीं रहेंगे और पूरा पैसा बेकार हो जाएगा। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने लोकायुक्त को निर्देश दिया कि आवेदक को पूरे नोट वापस किए जाएं।