भोपाल। नोटबंदी के बाद पांच दिन में सहकारी बैंकों में 211 करोड़ रुपए जमा हो गए। अब आयकर विभाग ने सहकारी बैंक से जमाकर्ताओं व खातेदारों की पूरी जानकारी मांग ली है। बैंक के पास आए आयकर विभाग के पत्र और राज्य शासन में पहुंची जानकारी के बाद से हलचल है। हालांकि सहकारी बैंक की ओर से एक-एक जमाकर्ता की पूरी डिटेल तैयार कर ली गई है। बैंक का दावा है कि डिपॉजिट में किसी भी तरह से संशय की स्थिति नहीं है।
आयकर के सूत्रों का कहना है कि सहकारी बैंकों में जमा करने वाले कुछ किसान ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक करोड़ रुपए से अधिक राशि बैंकों में जमा की है। ऐसे किसानों की संख्या 16 है। इसमें 6 किसान भोपाल, 4 इंदौर और 6 छिंदवाड़ा के हैं। 2000 किसानों ने ढाई-ढाई लाख रुपए से अधिक रकम जमा की। यह रकम 26 करोड़ के आसपास है।
तीन श्रेणियों में मांगी जानकारी आयकर विभाग ने तीन श्रेणियों में जानकारी मांगी है। पहली- ढाई लाख से पांच लाख, दूसरी- पांच लाख से अधिक व 25 लाख और तीसरी- इससे अधिक पैसा जमा करने वालों की जानकारी। इधर, रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंकों में जमा राशि को अन्य बैंकों में देने पर भी रोक लगा दी है। इससे करीब छह सहकारी बैंकों के करीब 83 करोड़ रुपए अटक गए हैं।
खाद-बीज के साथ किसानों का भुगतान भी अटका
आरबीआई की सख्ती के कारण सहकारी बैंकों व सोसायटी से जुड़े खातेदार मुश्किल में हैं। इनमें ज्यादातर किसान हैं। इस समय बोवनी का समय है। खाद्य, बीज से लेकर किसानों को ऋण के साथ कई काम बैंकों के जरिए होते हैं, ये सब प्रभावित हो गए हैं। सभी सहकारी बैंकों के अध्यक्षों ने आरबीआई के साथ-साथ वित्तमंत्री को पत्र लिख दिया है कि सहकारी बैंकों पर की जा रही सख्ती हटाई जाए।
देवास से भेजे 440 करोड़ के नोट
देवास बैंक नोट प्रेस से मंगलवार को 440 करोड़ के नए नोट भारतीय वायुसेना के विमान से गुवाहाटी भेजे गए। 500-500 के ये नए नोट उत्तर-पूर्वी इलाकों में लोगों की जरूरत पूरी करेंगे।
डिपॉजिट पर संशय नहीं
आयकर विभाग ने जो जानकारी मांगी है, वह दे दी जाएगी। आरबीआई की गाइडलाइन पर काम कर रहे हैं। डिपॉजिट पर कोई संशय नहीं है।
प्रदीप नीखरा, एमडी, अपैक्स बैंक