प्रभु की पटना एक्सप्रेस दुर्घटना में कई बच्चे अपने माता पिता से बिछड गये

Bhopal Samachar
टीकमगढ। गत दिवस तडके तीन बजे सुबह इन्दौर पटना एक्सप्रेस राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस (19321) कानपुर झॉसी रेलवे खण्ड पुखरयारेलवे स्टेशन के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गई। दुर्घटना में एक एक करके 14 बोगी पटरी से उतर गई। जिससे चीख पुकार मच गई। दुर्घटना में करीब 400 यात्री गंभीररूप से घायल और 125 यात्रियो की मरने की खबर है। जिससे कई। बच्चे बिना माता पिता के हो गये।  कुछ मृतको की शिनाखत नही हो पारही है। कुछ बच्चे बेसहारा हो गये। क्योकि उनके माता पिता भीषण ट्रेन हादसा के शिकार हो गये। ऐसे बच्चो की फोटो बुद्धजीव लोगो द्वारा फेसबुक पर वायरल की जा रही है। 

आपको याद दिला दे रेलवे विभाग की घोर लापरबाही के चलते एक सैकडा से अधिक दम्पतियो को रविवार का सुर्य नही देखने दिया। और काल के गाल में समा गये। जिसमें 300 से अधिक यात्री गंभीररूप से घायल है। और 125 के करीब मौत की नीद सो गये। जिनकी बांट छोटे छोटे मासूम बच्चे देख रहे है। की कब मेरे माता पिता मुझे मिल जाये। लेकिन उन नादान बच्चो को क्या पता की रेलमंत्री सुरेश प्रभु की राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस निगल गई। जो अब कभी लौट कर नही आ सकते है। ऐसे बच्चो की फोटो बुद्धजीव लोगो द्रारा फेसबुक पर वायरल की जा रही है। बच्चो के नजदीक परिचय के लिये कुछ मृतको की शिनाखत नही हो पा रही है। समाज के बुद्धजीव लोगो से आग्रह है। की इन बच्चो को इनके परिचय बालो तक पहुॅचाने में मदद करे। 

भीषण रेल हादसा होने होने पर कई सबालो का जनम हो रहा है। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने मृतको के परिजनो को साढे तीन लाख रूपया देने की घोषणा की। घायलो को 50-50 हजार तथा मामूल घायलो को 25-25 हजार देने की घोषण की, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखलेश यादव ने 5-5 लाख रूपया मृतको के परिजनो को देने का ऐलान किया। घायलो को समान रूप से मदद दी जायेगी वही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दो लाख रूपया मृतको के पजिनो को देने की बात कही  गंभीर रूप से घायलो 50-50 हजार देने की घोषणा की
सवाल
पहला सबाल क्या जिस माता के पुत्र, बहू, नाती, पोते, हादसा के शिकार हो गये। उनके बुढापा का सहारा छिन गया। ऐसे बेसहारा माता पिता के बुढापा का सहारा रेलमंत्री सुरेश प्रभु बनेगे या केन्द्र सरकार।
दूसरा सबाल जिन बच्चो के माता पिता को रेलमंत्री सुरेश प्रभु की रेल निगल गई। ऐसे बच्चो की परवारिस कौन करेगा, रेलमंत्री या सरकार कौन उन्हे स्कूल भेजेगा, कौन उन्हे खिलौना खरीदेगा, कौन कपडा खरीदेगा।
तीसरा सबालः क्या  जिन बच्चो के माता पिता ट्रेन दुर्घटना में गहरी नीद सो गये। ऐसे बच्चो को रेलवे बिभाग नौकरी देगा। 
चौथा सबालः केन्द्र सरकार व रेलमंत्री ऐसा कौनसा कदम उठायेगी जिससे अनाथ हुये बच्चो को अपने माता पिता की कमी महसूस न हो।
पॉचवा सवालः क्या रेलमंत्री सुरेश प्रभु सहित राज्य सरकारो ने आार्थिक मदद देने की बात कही। क्या इस प्रकार की मदद से जो घर बेघर हुये। वे लौटकर वापिस आ सकते है। जिन माता पिता का बुढापा का सहारा छिन गया। ये मदद सहारा बन सकती है। जो बच्चे अनाथ हुये। इन पैसो से ऐसे बच्चो भबिष्य बन सकता है। सुरेश प्रभु की मदद उन बच्चो के माता पिता की कमी पूरी कर सकती है। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!