खंडवा। भोपाल एनकाउंटर में मप्र पुलिस और शिवराज सरकार ने जिस कैदी को आतंकवादी बताकर एनकाउंटर किया उसकी कब्र पर खुलेआम शहीद लिखा गया है। कब्र पर अब ग्रेनाइट पत्थर लगाकर चमकदार अक्षरों से 'शहादत' लिखा गया है। साथ ही यह जताया गया है कि ये सभी धर्म के मार्ग पर शहीद हो गए हैं, अल्लाह उनकी शहादत कबूल करे। अब एसपी खंडवा कहते हैं कि उन्हे इस बारे में मालूम ही नहीं।
31 अक्टूबर 2016 को भोपाल जेल से 8 कैदी फरार हुए थे, जिन्हें करीब 9 घंटे बाद एक एनकाउंटर में मार गिराया गया था। इनमें से पांच कैदी अकील खिलजी, मेहबूब उर्फ गुड्डू, अमजद रमजान, सालिक हकीम और जाकिर बदरुल खंडवा के रहने वाले थे। शिवराज सरकार ने इन सभी को आतंकवादी बताया। कुछ दूसरे लोगों ने इन्हे कैदी ही माना क्योंकि फैसला अभी बाकी था जबकि खंडवा में लोगों ने इन्हे शहीद माना है।
जब इनका जनाजा निकला तो खंडवा में तनाव के हालात हो गए थे। इस दौरान यहां पथराव और नारेबाजी भी हुई थी। खंडवा में पांचों आतंकियों को दफनाया गया था। उनके जनाजे में करीब 1500 लोग शामिल हुए थे। शामिल होने वालों में सरकारी कर्मचारी, व्यापारी और नेता भी शामिल थे। एनकाउंटर के मारे गए आतंकियों के घरवालों का कहना था कि अकील और साथी 8 साल से जेल में थे। कुछ माह बाद ही वो जेल से छूटने वाले थे। पुलिस ने उन्हें एनकाउंटर कर दिया। इसकी जांच होनी चाहिए।