नई दिल्ली। एक तरफ पूरा देश बैंकों के बाहर लाइन में खड़ा है और दूसरी तरफ पहुंच रखने वाले लोग खिड़की से पैसे बदल रहे हैं। बड़ी बात यह है कि सरकार ने एक दिन में पुराने नोट से नए नोट में बदलने की सीमा 4500 (शुक्रवार से पहले) रुपए तय कर रखी है, लेकिन पहुंच वाले लोग बंडल के बंडल बदल रहे हैं। जिसपर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है। क्योंकि इस काम में खुद बैंककर्मी भी शामिल हैं।
गुरुवार को दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके पंजाब नेशनल बैंक में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां पिछले 9 नवम्बर से बैंक के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी रहती है। लोग पुरे दिन लाइन में खड़े रहते हैं, इसके बावजूद उनका नंबर नहीं आता है। दूसरी तरफ गुरूवार को बैंक के पीछे वाली खिड़की की तरफ एक व्यक्ति खड़ा होता है और उसे खिड़की से नए नोट का बंडल दिया जाता है। बंडल लेकर वह व्यक्ति जल्दी में वहां से निकल लेता है। इस दौरान बाइक पर एक और व्यक्ति बैठा होता है, जिसे हावभाव से लगता है कि वह भी खिड़की से नोटों के बंडल आने का इंतजार कर रहा है। क्योंकि जब पहला बंडल आता है, तब वह पहले वाले व्यक्ति से कुछ बोलता है।
अपनी ही शादी के लिए बैंक की लाइन में लगी दुल्हन
बड़ी बात यह है कि ऐसे में आम आदमी की लाइन कब खत्म होगी। क्योंकि बैंक के पैसे तो खिड़कियों से गायब हो रहे हैं। सरकार हर दिन नए नियम लेकर आ रही है। जिसकी मार आम आदमी को ही सहनी पड़ती है। इस नोटबंदी पर संसद से सड़क तक हंगामा हो रखा है। लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की जा रही है और बैंककर्मी गलत तरीके से नोटों के बंडल बांट रहे हैं।