भोपाल। प्रमोशन में आरक्षण मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अजाक्स की सभा में 'माई का लाल' वाला दावा कर तो दिया परंतु अब सुप्रीम कोर्ट में सरकार लगातार मामले को टालने की कोशिश कर रही है। न्यायालय में शिवराज सरकार का सामना कर रही सपाक्स ने बताया कि 8 नवम्बर 2016 को शिवराज सरकार ने Rejoinder देने के लिये 3-हफ़्ते का समय कोर्ट से माँगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 23 नवम्बर को अंतिम सुनवाई के लिए प्रकरण सूचिबद्ध कर दिया।
सपाक्स की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है कि यह अपेक्षित था, क्योंकि सरकार के पास कहने को कुछ है ही नहीं, न कोई तथ्यपरक सामग्री है जो कोर्ट को दी जा सके। यह सम्भवत: शहडोल/ नेपानगर के उपचुनावों के कारण किया गया, ताकि निर्णय का विपरीत प्रभाव चुनाव पर न पड़े।
सपाक्स ने बताया कि हमारे वकीलों की बहस और विरोध के बाद न्यायालय ने मात्र 2-हफ़्ते का समय दिया और प्रकरण पुनः अंतिम सुनवाई के लिये दिनांक 23-नवम्बर को सूचिबद्ध किया।