भोपाल। मैं 18 घंटे मेहनत कर रहा हूं, गाल पिचक गए हैं। इन्हें देखो, क्या लगता है कि मैं सीएम होकर सत्ता सुख भोग रहा हूं? इसलिए आप भी मेहनत करो। मैं सरकारी स्कूल में पढ़ा हूं। आज जो कुछ भी हूं वह रतनचंद जैन की बदौलत हूं। वे मेरे शिक्षक रहे। मैं आज आप अध्यापकों को यह काम देता हूं कि सरकारी स्कूलों में इतना पढ़ाओ की प्राइवेट स्कूलों में कोई बच्चा न जाए। भारी भरकम फीस वसूल रहे ऐसे स्कूलों में मैं ताले डलवाना चाहता हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह तल्ख अंदाज रविवार को अध्यापकों के स्वागत कार्यक्रम में दिखाई दिया।
शिक्षा में सुधार के लिए करेंगे गुणवत्ता सम्मेलन
चौहान ने कहा कि पिछली सरकारों ने अध्यापकों के साथ पाप किया था। मैंने उसे सुधारने की कोशिश की है। मैं सज्जनों के लिए फूल से भी ज्यादा कोमल हूं और दुष्टों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर हूं। ज्ञात हो कि छठवां वेतनमान मिलने पर अध्यापक सीएम हाउस शिवराज सिंह का सम्मान करने पहुंचे थे। हालांकि उनके देरी से पहुंचने और बीच में छठ पूजा के लिए जाने से कार्यक्रम में विलंब हुआ। सीएम ने कहा कि मप्र के निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका है। शिक्षा में सुधार के लिए जल्दी ही गुणवत्ता सम्मेलन आयोजित होगा। इसमें शिक्षकों को और भी बहुत कुछ मिलेगा।
जो अच्छा काम करेंगे, सरकार उन्हें आगे बढ़ाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक बच्चों का बेहतर भविष्य बनाएं। गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। जो शिक्षक अच्छा काम करेंगे, उन्हें आगे बढ़ाने का काम सरकार करेगी। आपकी जो भी मांगें हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में परोक्ष रूप से कांग्रेस की सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कुछ पैसे नहीं बढ़ाकर उसने पीढ़ी को बर्बाद कर दिया। आज शिवराज सरकार ने वेतनमान बढ़ाने का निर्णय किसी के दबाव में नहीं लिया, बल्कि अध्यापकों के हित में फैसला किया। कार्यक्रम में विधायक मुरलीधर पाटीदार व आजाद अध्यापक संघ के अध्यक्ष भरत पटेल समेत कई अन्य कर्मचारी नेता मौजूद रहे।