
सपाक्स की ओर से बताया गया है कि दिनांक 23/11/16 को इंतजार कर रहे थे कि माननीय सर्वोच्च न्यायलय पदोन्नति मे आरक्षण के खिलाफ निर्णय सुनाऐगा किन्तु जिस का डर था वही हुआ। पुराने प्रकरणों सुनवाई पूरी ना होने के कारण दिनांक 24/11/16 का आश्वासन मिला। फिर कल के प्रकरणों पर सुनवाई पूर्ण नही हुई तो न्यायलय ने दिनांक 30/11/16 को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। क्योंकि ऐसे प्रकरणों मे सुनवाई बुधवार -गुरूवार को ही होती है।
बता दें कि हाईकोर्ट में आरक्षण रद्द कर दिए जाने के बाद शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट में फैसला बदलवाने के लिए उपस्थित हुई है। शिवराज सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती दी है। शिवराज सरकार की याचिका के खिलाफ सपाक्स ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना वकील प्रस्तुत किया है। शिवराज सरकार ने इस केस के लिए देश के सबसे महंगे वकीलों को तैनात किया है।