भोपाल। कीरोड़ों की ब्लैकमनी को 2000 के नए नोटों में एक्सचेंज करने वाला मनी माफिया पकड़ लिया गया है। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने गैंग के 2 गुर्गों को अरेस्ट किया गया था। पुलिस का दावा है कि पकड़ा गया आरोपी आशीष रजानी ही मनी माफिया है। सवाल यह है कि क्या पुलिस पूछताछ में उन काले कारोबारियों के नाम निकालकर सार्वजनिक करने की हिम्मत दिखा पाएगी जिनकी ब्लैकमनी माफिया ने एक्सचेंज कर दी थी।
क्राइम ब्रांच पुलिस ने बताया कि बीते मंगलवार को बैरागढ़ चंचल चौराहे के पास से स्फ्टि गाड़ी में सवार जतिन दरयानि और प्रदीप खिलवानी को दो हजार रुपए के नए नोटों की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था। आरोपियों के पास से दो हजार रुपए के नए नोटों की करीब 7 लाख 46 हजार रुपए की राशि बरामद हुई थी। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में पकड़ाए गए आरोपियों द्वारा कबूला गया था कि वह अपने एक साथी आशीष रजानी के साथ मिलकर नोटों की तस्करी का काम कर रहे थे। तभी से आशीष रजानी की तलाश जारी थी।
पुलिस का कहना है कि आज गुरुवार सुबह मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी आशीष रजानी ग्लोबस ग्रीन कालोनी बैरागढ़ स्थित अपने घर में मौजूद है। सूचना मिलते ही आशीष के घर पर दबिश दी गई, जहां पर वह मौजूद था। पुलिस का कहना है कि आरोपी आशीष रजानी को हिरासत में लेकर क्राइम ब्रांच लाया गया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। उसके पास दो हजार रुपए के नोट इतने बड़े पैमाने पर कैसे मिले, इस बात का पता पूछताछ के दौरान लगाया जा रहा है।