नई दिल्ली। एक तरफ भारत सरकार लोगों से तंबाकू छोड़ने की अपील करती है और दूसरी तरफ वही भारत सरकार तंबाकू कंपनियों में सरकारी पैसा निवेश करती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार के इस रुख पर आपत्ति जताई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह सरकारी संस्थानों को निर्देश दे कि वे तंबाकू विनिर्माण में लगी कंपनियों में निवेश नहीं करे।
भारत में सात से 12 नवंबर के बीच ग्रेटर नोएडा में विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की तंबाकू नियंत्रण रूपरेखा संधि :एफसीटीसी: की सातवें दौर की बैठक कोप-7 होने जा रही है। इस सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा करेंगे। सम्मेलन में धुंआ रहित तंबाकू को भी एजेंडा में शामिल किए जाने के भारत के निर्णय के बाद यह कदम उठाया गया है। भारत में बड़े पैमाने पर लोग धुंआ रहित तंबाकू जैसे दूसरे विकल्प अपना रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजा गया है जिसमें तंबाकू उत्पादों के विनिर्माण कार्य में लगी कंपनियों में निवेश नहीं करने का निर्देश देने की बात कही गई है। सम्मेलन में दुनियाभर के 180 देशों के करीब 1,500 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।