
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप बैंक में 500-1000 के पुराने नोट बदलवाने जा रहे हैं तो आपको आईडी की फोटोकॉपी ले जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए अब सिर्फ ऑरिजिनल आईडी दिखाने की दरकार होगी। एसबीआई के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, "बैंक को रिक्विजिशन स्लिप पर नोट बदलवाने आए लोगों के केवल डिटेल्स और नंबर्स चाहिए। इसे टेलर डॉक्युमेंट्स से मैच कराएगा।" बता दें कि कई बैंक आईडी की फोटोकॉपी मांग रहे हैं, जिसके चलते लंबी-लंबी लाइनें लग रही है। हालांकि, कुछ बैंकों में कस्टमर्स के आईडी की फोटोकॉपी नहीं लाने पर ब्रांच में ही इसकी व्यवस्था की गई है।
क्या कहते हैं बैंक?
लक्ष्मी विकास बैंक के सीओओ ए.विद्यासागर के मुताबिक, "कुछ बैंक करंसी बदलवाने आ रहे कस्टमर्स से आईडी की फोटोकॉपी मांग रहे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे। हमारे पास कस्टमर्स की जानकारी उनके केवाईसी डिटेल में मौजूद है। इस लिहाज से उनका प्रूफ मांगने की जरूरत ही नहीं है।
देश में खोले जा रहे माइक्रो एटीएम
लोगों को बैंक से पुराने नोट बदलवाने में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए माइक्रो एटीएम खोले जा रहे हैं। एसबीआई के सीजीएम आलोक चौधरी के मुताबिक, देशभर में 2 लाख माइक्रो एटीएम लगाए जाएंगे।
1 वोटिंग की तरह पैसा बदलवाने पर लगेगी स्याही
इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने 15 नवंबर को कहा, ''कुछ लोग एक ही ग्रुप/लोगों को पैसा जमा करने के लिए बार-बार बैंक भेज रहे हैं। इससे लंबी लाइन लग जा रही है।इस कारण फैसला लिया गया है कि कैश काउंटर पर वोटिंग की तरह इंक लगाई जाएगी। इसके बारे में बैंकों को ऑपरेशनल इंस्ट्रक्शन भेज दिए गए हैं। कुछ लोगों ने बार-बार पैसा जमा कराने का धंधा बना रखा है।
2 इस सवाल का सीधा जवाब टाल गए सेक्रेटरी
सरकार ने सोमवार को एक हाई लेवल मीटिंग के बाद फैसला लिया था कि 500/1000 के पुराने नोट अब प्राइवेट फार्मेसी स्टोर्स पर भी चलेंगे। हालांकि, मंगलवार को जब इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया तो वे इस सवाल का जवाब टाल गए कि आखिर क्यों कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर 500-1000 के पुराने नोट नहीं ले रहे हैं। जब मीडियाकर्मियों ने उनसे जोर देकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सरकारी हॉस्पिटलों में पुराने नोट इस्तेमाल करने की फैसिलिटी अवेलेबल है। अगर कुछ सरकारी हॉस्पिटल या फार्मेसी स्टोर ये फैसिलिटी नहीं दे रहे हैं और उनके स्पेसिफिक मामले सामने आएंगे तो हम कार्रवाई करेंगे। इस जवाब में उन्होंने प्राइवेट हॉस्पिटल और प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स का जिक्र नहीं किया।
3 मंदिर से जमा होने वाले पैसे पर नजर
दास ने कहा, ''देश के मंदिरों और ट्रस्टों से जमा होने वाले पैसे पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, मंदिरों और जहां दान का पैसा मिलता है, उनसे कहा गया है कि छुट्टे पैसे बैंकों में जमा कराएं। इससे सिस्टम में लिक्विडिटी आएगी।
4 जनधन खातों पर नजर
सरकार जनधन खातों पर नजर रखे हुए है, ताकि इसमें कालाधन न जमा हो जाए। दास ने कहा, ''जनधन खाताधारकों से अपील है कि वे अपने अकाउंट का गलत इस्तेमाल करने से बचें। जनधन में एक बार में डिपॉजिट लिमिट 50 हजार है। कई खातों में अभी तक 49 हजार रुपए जमा हो चुके हैं। ऐसे खातों पर हमारी नजर है।''
5 शादी में शगुन के लिए चेक दें
शादी जैसे प्रोग्राम में कैश की कमी के सवाल पर सरकार का कहना है कि शगुन चेक में दें। वहीं, इंडिविजुअल्स एक हफ्ते में 24 हजार रुपए निकाल सकते हैं। वहीं, कारोबारियों के लिए विदड्रॉवल लिमिट 50 हजार रुपए रखी गई है। बता दें कि इस वक्त शादियों का मौसम है, जिसके कारण कई परिवारों को कैश न होने की तकलीफ उठाने पड़ रही है। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)