नई दिल्ली। 'मैं कसम खाती हूं कि मैं जिंदा रहूं या मर जाऊं लेकिन पीएम मोदी को भारतीय राजनीति से हटाकर ही रहूंगी।'...ये शब्द हैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के। सोमवार को देशभर में सड़कों पर उतरकर विपक्षी पार्टियां नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। कोलकाता में टीएमसी ने भी जन आक्रोश मार्च निकाला। इस दौरान टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया।
क्या फैसला लेने से पहले मोदी ने किसी से पूछा?
कोलकाता में 5 किमी लंबा मार्च निकालने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री अचानक से भगवान की तरह प्रकट हुए और नोटबंदी के फैसले का ऐलान कर दिया।
उन्होंने किसी से पूछा तक नहीं कि किसे 500 और हजार के नोट की ज़रूरत है और ये फैसला ले लिया। प्रदर्शन के दौरान ममता ने कहा कि नोटबंदी से बाजार, सिनेमा, थियेटर सबकुछ प्रभावित हुआ है लेकिन पीएम मोदी को इससे कोई चिंता नहीं है।
विपक्षी पार्टियों का नोटबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
गौर हो कि नोटबंदी के खिलाफ सोमवार को देशभर में कई विपक्षी पार्टियां विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। लेफ्ट पार्टियों ने पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में 12 घंटे बंद की अपील की। जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस इस बंद में शामिल नहीं होगी और सिर्फ विरोध प्रदर्शन करेगी। वहीं, बिहार में सीपीआई (एमएल) के वर्कर्स ने दरभंगा, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में रेल रोकी हैं।