
प्रबंधन की माने तो कई बार उनके द्वारा उच्च अधिकारियो को पत्र लिखा गया लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नही निकला। आप को यहां यह बता दे की जेल के अंदर कई बडे़ अपराधी है। स्थिति यह है की जेल के भीतर एनएसए से लेकर अपराधो की पहचान बन चुके कई बडे़ अपराधी बंद है। इसके चलते सुरछा मे सेध बडी़ चूक हो सकती है। संवेदनशील जेल होने के बाद भी शहडोल जिला जेल मे कोई वॉच टावर नही बनाया गया।
जिससे सतत निगरानी हो सके इसके साथ यहॉ प्रहरियो की भी काफी कमी है विभाग के अनुसार यहॉ 46 पद प्रहरियो के है परन्तु यहॉ 11 पद काफी समय से खाली है इस जेल के भीतर पहले भी कई बडी़ बारदात हो चुकी है। जेल के भीतर 2009 मे कैदियो ने जेल को हाईजैक कर लिया था इतना ही नही बंदियो ने जेलगेट पर गैस सिलेण्डर रखकर जेल को ही उडाने की प्लानिंग मे थे और कुछ समय पहले ही सिपाही पर जानलेवा हमला कर 9 कैदी भाग निकले थे। इन सभी वारदातो के बाद भी जेल की सुरछा को लेकर कोई गम्भीर पहल नही की जा रही जिससे कभी भी किसी बडी़ घटना की आहट हो सकती है जेल मे बंदी 596, जेल की बैरंक 16, खराब सीसीटीवी 8