भोपाल। 500-1000 के नोट बंद होने के बाद समूचे देश में लोग पुरानी करेंसी चेंज कराने बैंकों की लंबी लाइन का हिस्सा बने हुए हैं। ऐसे में यहां के किन्नरों ने पब्लिक से फिलहाल, नेग न लेने का ऐलान किया है। हालांकि भोपाल में किन्नरों के दो से ज्यादा गुट हैं। इनमें मंगलवारा के किन्नरों का कहना है कि नोट बंदी से जनता परेशान है। इस वजह से हमारी टोलियां अभी कुछ दिन तक शहर में नेग मांगने नहीं जाएगी।
नवाबी शहर भोपाल को किन्नरों का गढ़ माना जाता है। मप्र में हर साल किन्नरों का सबसे बड़ा सम्मेलन होता है। बरहाल, नोटबंदी के बाद परेशानियों से जूझ रहे लोगों को ध्यान रखते हुए किन्नरों ने हाल-फिलहाल, नेग न लेने का ऐलान किया है।
ऐसे हैं भोपाल के किन्नर...
देश भर में भोपाल के किन्नरों की अलग पहचान है। शहर में किसी के घर शादी- ब्याह हो, बच्चे का जन्म हो या कोई मांगलिक कार्यक्रम हो, इनमें ये किन्नर टोली बनाकर इनके यहां नेग मांगने जाते हैं। तीज- त्योहारों पर भी इनका यह सिलसिला जारी रहता है। नोटबंदी के बाद से चार-पांच दिन से इस काम से मंगलवारा के किन्नरों की टोलियां शहर में कहीं नहीं पहुंचीं।
इसलिए लिया यह फैसला...
किन्नर बेबी गुरु का कहना है कि हां, 500-1000 के नोट बंद होने से देश की जनता के साथ शहरवासी भी परेशान है। लोग सब्जी- भाजी, दूध, रसोई गैस, किराना जैसी जरूरी वस्तुओं के लिए परेशान हा रहे हैं। यही वजह है कि हमने यह फैसला किया है।
मंगलवारा में करीब 300 किन्नर हैं। तीज- त्योहारों पर या शादी- ब्याह के सीजन में ये रोजाना 10 हजार रुपए तक की उगाही कर लेते हैं। फिलहाल जनता के खातिर ये इसका घाटा उठा रहे हैं।