कानपुर। रेल हादसे के बाद घटनास्थल का निरीक्षण करने आए रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने पीड़ितों की आर्थिक मदद का एलान किया। उन्होंने मृतकों के परिवारीजनों को साढ़े तीन लाख रुपये, घायलों को 50 हजार रुपये व मामूली तौर पर घायल लोगों को 25 हजार रुपये की सहायता देने के साथ ही उन्हें घर जाने के लिए फौरी मदद के तौर पर पांच हजार रुपये की सहायता देने के निर्देश दिए थे।
इस पर रेलवे के कुछ अधिकारी जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। जहां उन्होंने घायल यात्री प्यारे लाल निवासी बरई खुर्द, फैजाबाद को बंद किए जा चुके नोटों में से पांच हजार रुपये देने लगे। इस पर वे पुत्री रजकला की मौत का हवाला देते हुए झल्ला गए और पैसे लेने से इन्कार कर दिया।
अधिकारियों ने उसके साथ मौजूद गीता पत्नी रामकेवल को रुपये थमाने का प्रयास किया। यह देख उसने हाथ से रुपये छीनकर जमीन पर फेंक दिए। वहीं, वार्ड में भर्ती अन्य घायल यात्रियों में आशिनी मिश्रा, मालती शर्मा निवासी बहराइच के साथ अन्य के परिजनों को पांच-पांच सौ के नोट थमा गए।
इसके कुछ समय बाद रेल राज्यमंत्री घायलों से मिलने के लिए जिला अस्पताल जा पहुंचे तो घायल यात्रियों ने कहा कि बंद नोट देने का क्या मतलब है। रेल राज्यमंत्री ने जानकारी न होने व पैसे वापस करके दूसरे दिलाने का आश्वासन यात्रियों को दिया।
हैलट अस्पताल में घायलों से मिलने आए केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने राहत में पुराने नोट दिए जाने को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है। राहत में वही नोट दिए गए हैं जो प्रचलन में हैं।