भोपाल। बिजली के खंबों की स्थापना और किसानों को पंप उपलब्ध कराने वाले मामलों में जांच भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जांच की जद में आ गए श्योपुर के तत्कालीन कलेक्टर एवं आईएएस पन्नालाल सोलंकी को हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि अब उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू जांच भी शुरू हो सकती है। इस बीच सोलंकी ने भी अपना दर्द साझा किया है। वो अपने दामन पर लगे दाम से दुखी हैं।
कराहल विकासखंड में किसानों से बिजली के खंभे लगवाकर शासकीय बजट का दुरुपयोग किया गया है। खंभे लगाये जाने को लेकर बिजली विभाग की रिपोर्ट है कि कलेक्टर ने प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। जिस तरह से खंभे लगाये गये हैं उससे कभी भी करंट फैल सकता है और जन-धन हानि की संभावित है।
उधर, आदिवासी विकास के अफसरों ने मौका मुआयना करने के बाद अपनी रिपोर्ट दी है कि जितनी संख्या में खंभे लगाये जाना बताया गया है दरअसल मौके पर पूरी संख्या में नहीं मिले। किसानों को पंप दिये जाने के मामले में भी गड़बड़ी हुई है।
जांच करा लें, चिंता नहीं
मुझे कलेक्टर पद से क्यों हटाया गया? यह मैं समझ नहीं पाया। मैंने बिजली के खंभे किसानों से लगवाकर शासन का पैसा ही बचाया है। एमपीईबी ने अगर साढ़े चार करोड़ का इस्टीमेंट बनाया है। हमने उससे कम में ही काम कराया। राज्य शासन ने अभी उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया है। मैं सभी तरह की जांच के लिए तैयार हूं।
पन्नालाल सोलंकी
तत्कालीन कलेक्टर श्योपुर