प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है. इस कदम की आलोचना करते हुए कहा उन्होंने कहा कि पीएम को लोगों की मौत का श्राप लगेगा. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती एक कार्यक्रम के लिए एमपी के नरसिंहपुर जिला पहुंचे थे. यहां मीडिया ने जब उनसे नोटबंदी के फैसले पर सवाल किया तो उन्होंने मोदी के इस कदम की आलोचना करते हुए ये बयान दे दिया.
राष्ट्र मोदी के हिसाब से नहीं बल्कि संविधान के हिसाब से चलेगा
उन्होंने कहा कि पीएम का नोटबंदी का फैसला बिल्कुल अनुचित है. मोदी सेवक नहीं बल्कि खलनायक और तानाशाह की भाषा बोल रहे हैं. वे आजादी के समय से हिसाब लेने की बात कहकर धमकी दे रहे हैं. हिसाब लेने का काम कानून का है, भला मोदी कौन होते हैं ये मांग करने वाले. ये राष्ट्र मोदी के हिसाब से नहीं बल्कि संविधान के हिसाब से चलेगा.
विवाह के लिए तैयार कन्याओं से धोखा किया
शंकराचार्य स्वरूपानंद ने आगे कहा कि भला सभी को बेईमान कैसे कहा जा सकता है. मोदी का राज अंग्रेजी राज से भी गया बीता राज है. ये सरकार जान-माल की रक्षा की जगह उल्टा जान और माल ले रही है. लाइन में लगाकर जनता को दुखी करना लोकतंत्र नहीं है. शादी के सीजन में अचानक 500-1000 के नोटों के बैन को शंकराचार्य ने धोखा बताया. उन्होंने कहा कि लड़कियों के विवाह के समय ये फैसला लेना उनके साथ किए गए किसी धोखे जैसा है. नोट बदलवाने के लिए घंटों तक लाइन में खड़े रहने से हो रही मौतों पर भी शंकराचार्य ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि लोगों की इस मौत का मोदी को श्राप लगेगा.
नोटबंदी नहीं नशाबंदी जरूरी है
वहीं नोटबंदी को आतंकवाद पर काबू पाने में सहायक बताने पर भी शंकराचार्य ने सरकार को घेरा और कहा कि आतंकवाद पैसे से नहीं बल्कि ड्रग्स के उन्माद से आ रहा है. ऐसे में नोटबंदी से नहीं बल्कि नशा बंदी से आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सकती है.