
शिल्पू भदौरिया की 7 अगस्त को लेमन ट्री होटल की चौथी मंजिल से गिरने से मौत हुई थी।पुलिस ने नीरज पिता हर्ष दंडोतिया, आशुतोष पिता सुधाकर राव जोहरे और शैलेंद्र पिता पवन सारस्वत तीनों निवासी ग्वालियर पर 306 में केस दर्ज किया था। मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तजिंदरसिंह अजमानी के समक्ष पुलिस ने चार्जशीट पेश की। इसमें कहा कि आरोपियों पर 302 व साक्ष्य छिपाने के आरोप में धारा 201 में भी केस दर्ज किया। शासकीय उप संचालक लोक अभियोजन बीजी शर्मा के मुताबिक मेडिकल जांच, तथ्य व पीएम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने माना हत्या हुई।
पिता पहले दिन से कह रहे हैं हत्या
पहले पुलिस द्वारा हत्या का केस दर्ज नहीं करने पर शिल्पू के पिता आर्मी में सूबेदार रमेशसिंह भदौरिया निवासी ग्वालियर ने एडवोकेट ठाकुर मोहनसिंह चंदेल के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उसमें कहा था शिल्पू के शव का पीएम डॉ. पीके सिंह, डॉ. महेंद्र वर्मा, डॉ. मोनिका व डॉ. आर. परमार की पैनल ने किया। इसमें मौत का कारण उसका गला घोंटना पाया गया। शरीर पर रगड़, चोट व नाखूनों से संघर्ष के निशान थेे। हत्या से पहले उससे ज्यादती भी की गई। उसके बाद चौथी मंजिल से फेंका गया। अत: आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज किया जाए।
पुलिस ने रेप केस फाइल नहीं किया
सोमवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में पुलिस की ओर से जवाब दिया था कि शिल्पू की हत्या की पुष्टि हो गई और धारा 306 की जगह हत्या के आरोप में 302 के तहत केस दर्ज किया।उधर, अधिवक्ता चंदेल ने कहा आरोपियों पर 376 में केस दर्ज नहीं किया है। कोर्ट में सुनवाई में इस बिंदु को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
क्या मिला जांच में
एफएसएल जांच और घटना के रिक्रिएशन में पुलिस ने इसे आत्महत्या ही माना था। बाद में शिल्पू की 16 रिपोर्ट मिलने पर पुलिस ने दोबारा जांच की तो आत्महत्या की थ्योरी उलटी पड़ गई। जो रिपोर्ट पुलिस ने कोर्ट में पेश की है उसमें कहा सागर लैब से मिली विसरा रिपोर्ट में पता चला कि उसके शरीर में अल्कोहल था। उसके नाखून व होंठ नीले पड़ गए थे। ऐसा तब होता होता है जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है। यह गला दबाने या दम घुटने के कारण भी होता है। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)