नई दिल्ली | दुनिया भर में चले मंदी के दौर में भारत की अर्थव्यवस्था को बचाने वाले प्रख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने भी मोदी की नोटबंदी के तरीके को गलत बताया है। श्री सिंह राज्यसभा में बोल रहे थे। बता दें कि अर्थशास्त्र के मामलों में मनमोहन सिंह को महान भारतीय रणनीतिकार माना जाता है। 500-1000 की नोटबंदी पर राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी को लागू करने में बदइंतजामी हुई. उन्होंने ये भी कहा कि आम लोगों को सरकार के इस फैसले से तकलीफ हुई. उन्होंने आगे कहा कि गरीबों के लिए 50 दिन भी पीड़ादायक. नोटबंदी से जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट हुई.
नोटबंदी को लेकर शीतकालीन सत्र के सातवें दिन लोकसभा में हंगामे के बीच सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के भतीजे सांसद अक्षय यादव ने अपनी बात सुनने की मांग करते हुए लोकसभा में पेपर फाड़कर स्पीकर की तरफ फेंके. पेपर स्पीकर की टेबल पर जाकर गिरे.
जेटली ने काटी मनमोहन की बात, हंगामा
वहीं गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में मौजूद रहे. राज्यसभा में वित्त मंंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का विरोध किया जिसके बाद विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. नोटबंदी को लेकर विपक्ष को मनाने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन विपक्ष इसमें शामिल नहीं हुआ. विपक्ष के नेता संसद में अलग से बैठक की.
28 नवम्बर को भारत बंद
वहीं विपक्ष ने 28 नवंबर तक सरकार से बात करने से इनकार कर दिया है. नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष ने 28 नवंबर को भारत बंद का एलान कर दिया है. विपक्ष लगातार नोटबंदी पर सदन में पीएम के बयान देने की मांग कर रहा था.बुधवार को प्रधानमंत्री लोकसभा में आए भी, लेकिन कुछ बोले नहीं थे. विपक्ष के अड़ियल रवैये का हवाला देकर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि फैसला वापस लेना मोदी के खून में नहीं है.
चुनाव करवा कर असली सर्वे करा लें पीएम
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी को लेकर गुरुवार को भी हमला किया. मायावती ने अन्य मीडिया फर्म और पीएम द्वारा कराए गए सर्वे को झूठा बताते हुए कहा कि 'अगर वाकई नोटबंदी पर सही सर्वे करवाना चाहते हैं तो लोकसभा भंग करके चुनाव करवा लें पीएम मोदी.'
बुधवार को 200 सांसदों ने किया था प्रदर्शन
इन सबके बीच बुधवार को यूनाईटेड अपोजिशन फ्रंट में शामिल कई दलों के दोनों सदनों के करीब 200 सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया. इस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जो किया है, वह दुनिया का बिना तैयारी के किया गया वित्तीय प्रयोग है.