INDORE। पैरामेडिकल कॉलेज घोटाले को लेकर संयोगितागंज पुलिस ने DEVI AHILYA PARAMEDICAL COLLEGE के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। संचालक ने कई छात्रों से फीस लेकर परीक्षा नहीं दिलवाई थी। छात्रों की शिकायत पर यूनिवर्सिटी को शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच कमेटी ने सभी के बयान लेकर रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी।
पुलिस के मुताबिक देवी अहिल्या पैरामेडिकल महाविद्यालय के संचालक अजय हार्डिया के खिलाफ केस दर्ज किया है। उसके खिलाफ परीक्षा नियंत्रक अशेष तिवारी और उप कुलसचिव अजय वर्मा ने केस दर्ज करने की अनुशंसा की थी। फरियादी के मुताबिक वर्ष 2013/14 में देवी अहिल्या महाविद्यालय जावरा कंपाउंड द्वारा डीएमएलटी (प्रथम वर्ष) में 50 छात्रों के विश्वविद्यालय में नामांकन करवाए थे।
इसके बाद 2015 में भी 38 छात्रों के अग्रेषित किए गए। इसमें 17 छात्रों के नामांकन विश्वविद्यालय के डीओआर पाठ्यक्रम में पाया गया, जबकि विश्वविद्यालय ने इन 17 परिक्षार्थियों के आवेदन डीएमएलटी पाठ्यक्रम के लिए अग्रेषित किए थे।
इन छात्रों में से विकास पटेल, आयुषी जाधव, विनोद गुर्जर, अश्विनी कुमार गुप्ता, राजेंद्र कुमार, बृजमोहन यादव, पंकेश डाबर, दुर्गेश परमार, निखित मंसूरी, गोपाल मुकाती, नीरज यादव, गोपाल मालवीय, मनोहर यादव, जितेंद्र अमलियार, महेंद्र जमोद, मनीषा कनेल व एसएस चौहान के संबंध में पैरामेडिकल कॉलेज से जानकारी मांगी गई। इस पर संचालक अजय हार्डिया द्वारा गलती से लिस्ट जारी होना बता कर मामला दबाने की कोशिश की। इसी पर शंका हुई और कॉलेज के खिलाफ जांच कमेटी का गठन किया गया।