नई दिल्ली। पद्दोन्नति में आरक्षण मामले में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लगाई गई स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) की सुनवाई आज बुधवार को मामलों की अधिकता की वजह से नहीं हो पाई। माना जा रहा है कि गुरूवार को सुनवाई हो सकेगी। प्रमोशन में आरक्षण के नियम को जबलपुर हाईकोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
क्या था हाईकोर्ट का फैसला
पदोन्नति में आरक्षण की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को हाईकोर्ट से जोर का झटका लगा है। पिछले दिनों प्रमोशन में आरक्षण संबंधी याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए पदोन्नतियों में आरक्षण दिए जाने वाले प्रावधान को अवैधानिक करार दे दिया।
हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि नियुक्तियों के दौरान वंचित वर्गों को आरक्षण मिलना तार्किक है, लेकिन प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने से योग्य लोगों में कुंठा का भाव घर कर जाता है. इसलिए पदोन्नति प्रक्रिया में सामान्य वर्ग को पीछे रखना किसी भी कोण से न्यायोचित नहीं माना जा सकता।