भोपाल। थाने में अमानवीय प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर एक शासकीय शिक्षक द्वारा खुदकुशी करने के मामले को राज्य मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। पिछोर में हुई इस घटना के बारे में आईजी ग्वालियर और एसपी शिवपुरी से जवाब तलब किया गया है।
राज्य मानवाधिकार आयोग के प्रवक्ता के मुताबिक आयोग ने आईजी और एसपी से जानना चाहा है कि अध्यापक मनोज कुमार पुरोहित को पुलिस द्वारा कब और क्यों गिरफ्तार किया गया। उसे जमानत कब दी गई। आयोग ने यह भी जानकारी चाही है कि अध्यापक के पास मिले सुसाइड नोट में क्या लिखा है। सुसाइड नोट की प्रति आयोग को भेजी जाए। साथ ही उसके साथ गिरफ्तार अन्य व्यक्तियों के कथन की प्रति भी आयोग को उपलब्ध कराई जाए।
आयोग ने विस्तृत प्रतिवेदन आईजी ग्वालियर एवं एसपी शिवपुरी से 29 नवम्बर तक चाहा है। गौरतलब है कि अखबारों के जरिए सुर्खियों में आई इस घटना में यह बताया गया है कि शिक्षक ने पुलिस द्वारा की गई बेइज्जती से तंग आकर जान दी है। शिक्षक ने लिखा है कि पुलिस ने न केवल उसे नंगा करके जूतों से मारा बल्कि उससे थाने में जूते भी चटवाए गए।