सुधीर मिश्र/मुरादाबाद। पहले सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल टै्रकिंग एवं नेटवर्क सिस्टम) फिर डॉयल-100 और अब मुकदमों की सीधी जानकारी पीड़ित को वाट्सएप पर मिलेगी। इसके लिए "यूपी पुलिस व्यू एफआइआर अपडेट" साफ्टवेयर तैयार है।
उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीकी रूप से लगातार मजबूत होती जा रही है। मामलों में पारदर्शिता के साथ केस दर्ज होने के बाद एफआईआर की कॉपी के लिए थाने के चक्कर लगाने से भी जल्द मुक्ति मिलेगी। इसके लिए नया साफ्टवेयर "यूपी पुलिस व्यू एफआइआर अपडेट" प्रदेश पुलिस जल्द लॉन्च करेगी।
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इससे वाट्सएप पर मुकदमों की प्रगति की जानकारी भी मिलेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार के मुखिया एक नंबर लॉन्च करेंगे जो सीधे केंद्रीय कंट्रोल रूम के जरिए जिलों के कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा। मुकदमे से संबंधित मामूली जानकारी उस नंबर पर देनी होगी। उसके बाद पूरा ब्योरा व प्रगति रिपोर्ट आपके वाट्सएप पर आ जाएगी।
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महिलाओं से संबंधित गंभीर अपराधों की जानकारी सभी को नहीं मिल सकेगी। इस जानकारी को प्राप्त करने के लिए पीड़िता को संबंधित थानों से संपर्क करना पड़ेगा। बेंगलुरु की एक निजी कंपनी ने इस साफ्टवेयर को तैयार किया है। इसका ट्रायल प्रदेश सरकार कर रही है।
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इस तरह काम करेगा एप
अपने मोबाइल पर प्ले स्टोर से "यूपी पुलिस व्यू एफआइआर अपडेट" डाउन लोड करना होगा। इस एप्लीकेशन में आपको शहर का नाम, थाने का नाम और मुकदमा संख्या भरना होगा। कुछ ही मिनटों में आपके मोबाइल पर मुकदमे की अपडेट पीडीएफ फाइल मौजूद होगी, जिसमें आप अपने मामले की प्रगति रिपोर्ट देख सकेंगे। अभी तक केवल एफआइआर की पीडीएफ फाइल ही मोबाइल पर आती है। अब पूरी जानकारी आपके वाट्सएप पर केंद्रीय कंट्रोल रूम से भेजी जाएगी।
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