भोपाल। प्रदेशभर के लगभग सभी जिलों से आए 20 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों का महासम्मेलन आंबेडकर जयंती मैदान, सेकंड स्टाप पर संपन्न हुआ। अतिथि शिक्षकों ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपा। अतिथि शिक्षकों के संघर्ष को व्यापाक जन आंदोलन बनाने की रणनीति बनाई। अतिथि शिक्षकों ने मप्र सरकार को चेतावनी दी कि उनकी मांगों का शीघ्र निराकरण नहीं किया जाता है तो अतिथि शिक्षक प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे और सामुहिक हड़ताल पर चले जाएंगे।
इसके साथ ही महासम्मेलन में अतिथि शिक्षकों ने यह घोषणा कि की हम 70 हजार अतिथि शिक्षक प्रदेश के लगभग 10 लाख वोटरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते है। भले ही हम चुनावों में किसी दल को जीत ना दिला सके लेकिन हराने की क्षमता निश्चित ही रखते हैं। यदि मप्र सरकार ने शीघ्र ही अतिथि शिक्षकों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया तो वर्तमान भाजपा सरकार को आगामी चुनावों में गंभीर परिणाम भुगतने पडे़ंगे।
महासम्मेलन में प्रदेशव्यापी सदस्यता अभियान चलाकर संगठन के पुनर्गठन का प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें प्रत्येक जिलों से एक महिला प्रतिनिधि सहित तीन सदस्यों को चुनकर राज्य स्तरीय नेतृत्वकारी समिति का गठन किया गया। इस नेतृत्वकारी समिति के नेतृत्व में आगामी तीन महीने के भीतर सभी जिलों में जिला सम्मेलन आयोजित कर समितियों का गठन किया जाएगा और संकुल स्तर तक संगठन का विस्तार किया जाएगा।
महासम्मेलन में अतिथि शिक्षकों ने प्रदेशभर के शिक्षक संगठनों, छात्र संगठनों, सामाजिक संगठनों और आम जनता से अपने आंदोलन को समर्थन और सहयोग देने की अपील करते हुए निम्न मांगों पर प्रदेशव्यापी संघर्ष छेड़ने का आह्वान किया।
मांगे-
गुरूजियों की तरह लाभ देकर अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक बनाकर नियमित किया जाए।
विगत वर्षों से कार्यरत जो अतिथि शिक्षक 2005, 2008 और 2011 में व्यापम द्वारा आयोजित संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण हुए है और प्रशिक्षित (बीएड/डीएड) हैं उन अतिथि शिक्षकों को तत्काल बिना किसी शर्त के संविदा शिक्षक नियुक्त कर नियमित किया जाए।
अप्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को उनके सेवाकाल को देखते हुए डीएड/बीएड के समकक्ष माना जाए या 3 वर्ष का समय देकर ’’आपरेशन क्वालिटी योजना’’ के तहत शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक व गुरूजियों की तरह सरकार डीएलएड करवाया जाए या प्रतिमाह अतिथि शिक्षकों को एक दिन का दिए जाने वाले प्रशिक्षण को सेवा काल के अनुसार डीएलएड के समकक्ष माना जाए।
भविष्य में शिक्षकों की भर्ती हेतु आयोजित की जाने वाली भर्तीयों में पिछले वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को गुरूजियों की तरह न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाने पर उत्तीर्ण माना जाए और पांच अंक प्रतिवर्ष के मान से अधिकतम 25 बोनस अंक दिए जाए। आयु सीमा में सेवाकाल के अनुसार 62 वर्षों तक छूट दी जाए।