खरगौन। यूपीआई-आरबीआई के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एप्लीकेशन से उपभोक्ता दूसरे बैंकों में आसानी से पैसों का लेनदेन कर सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के यूपीआई एप में 21 बैंकों की सेवा मौजूद है। आधार कार्ड पेमेंट- आधार कार्ड अनेबल्ड पेमेंट सिस्टम से ट्रांजेक्शन सबसे आसान व सुरक्षित है। मोबाइल एप में हैंडसेट का इस्तेमाल आधार-आधारित भुगतान करने में ग्राहक की बायोमेट्रिक जानकारी का प्रमाणन करने में किया जाएगा।
जिले के 90 फीसदी कर्मचारियों के पास स्मार्टफोन हैं। पर 10 फीसदी कर्मचारी भी इंटरनेट बैंकिंग या ऑनलाइन लेनदेन नहीं करते हैं। जबकि उनके स्मार्टफोन में इंटरनेट कनेक्शन भी है। यह खुलासा कैशलेस ट्रांजेक्शन को लेकर कलेक्टोरेट में हुई कार्यशाला में हुआ।
यहां गुरुवार को एक कार्यशाला हुई। इसमें कैशलेस ट्रांजेक्शन सिखाया गया। तीन सत्रों में प्रशिक्षण चला। 600 से ज्यादा कर्मचारियों में से ज्यादातर के मोबाइल पर सोशल मीडिया के एप तो मिले लेकिन 10 फीसदी ही ऐसे निकले, जिनके पास इंटरनेट बैंकिंग व कैशलेस ट्रांजेक्शन के एप थे। मास्टर ट्रेनर्स ने सभी के स्मार्टफोन बाहर निकलवाए और फिर ई-वॉलेट एप, नेटबैंकिंग एप डाउनलोड करवाए। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक 3 सत्रों में प्रशिक्षण हुआ। प्रशिक्षण के बाद अधिकांश कर्मचारियों ने एप डाउनलोड कर इस्तेमाल करने का आश्वासन दिया है। उन्हें ये प्रणाली बैंकों में जाकर लाइन में लगने से ज्यादा आसान लगी।
इंटरनेट बैंकिंग से रुपए ट्रांसफर करते दिखाए
मास्टर ट्रेनर एनआईसी से अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी राजेंद्र पाटीदार ने कैशलेस ट्रांजेक्शन के पांच तरीके बताए। उन्होंने सबके सामने इंटरनेट बैंकिंग से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करते दिखाए। नोडल अधिकारी जिला कोषालय अधिकारी मानसिंह डाबर भी मौजूद थे। उन्होंने डेबिट कार्ड एवं क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ट्रांजेक्शन करने को विस्तार से बताया।
मोबाइल वॉलेट
एंड्राइड फोन पर चलने वाले डिजिटल वॉलेट डाउनलोड कर सीधे जमा कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास एटीएम और क्रेडिट कार्ड होना जरूरी है। इसके माध्यम से अपने बैंक खाते को वैलेट से जोड़ सकते हैं।
पॉस स्वाइप मशीन
पाइंट ऑफ सेल का इस्तेमाल कर सीधे दुकानदार को खरीदी का भुगतान करें। उपभोक्ता डेबिट कार्ड (एटीएम), क्रेडिट कार्ड को स्वाइप कर पिन नंबर डाल ऑनलाइन पेमेंट करना होता है।
डेबिट कार्ड
डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर बिल, रिचार्ज, बस, ट्रेन और होटल बुक कर सकते हैं। बैंक खाते में पैसे होना जरूरी है। इसके माध्यम से बाजार में सामान भी खरीद सकते है।
कर्मचारी बोले-सुरक्षित नहीं है नेटबैंकिंग
प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों ने नेटबैंकिंग की सुरक्षा पर सवाल उठाए। कर्मचारियों ने कहा कि आजकल हैकिंग व इंटरनेट ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में हम भी इसके शिकार हो सकते है। ट्रेनर पाटीदार ने बताया केवल अधिकृत बैंक की वेबसाइट पर ही लॉग-इन व पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए। प्रशिक्षण में आधार नंबर से अंगूठा लगाकर कैशलेस ट्रांजेक्शन करने, स्मार्टफोन में यूपीआई एप लोड कर भी नेटबैंकिंग से ट्रांजेक्शन करने, ई-वॉलेट के बारे में भी बताया।
प्रशिक्षकों ने बताए ये स्मार्ट तरीके
मास्टर ट्रेनर राजेंद्र पाटीदार अधिकारी-कर्मचारियों को कैशलेस का प्रशिक्षण देते।