नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नववर्ष की पूर्वसंध्या पर देश को संबोधित किया। इस संबोधन के बारे में वरिष्ठ पत्रकार शिवकांत शर्मा और अरविंद मोहन ने कहा कि पीएम इन 10 बातों पर तो चुप ही रह गए।
इन मुद्दों पर नहीं बोले मोदी :
- यह नहीं बताया कि उन्होंने भ्रष्टाचार और काला धन पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी को ही हथियार क्यों बनाया?
- आख़िर 50 दिनों की इस लड़ाई में सरकार को क्या कामयाबी मिली? यह अब भी रहस्य ही है.
- नोटबंदी के कारण लोगों को इतनी तकलीफ क्यों हुई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
- प्रधानमंत्री ने इसकी समीक्षा नहीं की इसका असर क्या हुआ?
- नोटबंदी के बाद अगला क़दम क्या होगा, इस पर भी पीएम खामोश रहे.
- सरकार की तैयारी इतनी बदतर क्यों थी? आख़िर इतनी ग़लतियां कैसे हुईं?
- पीएम ने आंकड़े क्यों नहीं बताए कि कितने पैसे अब तक जमा हुए? क्या ये आंकड़े लोकलुभावन नहीं थे?
- बेनामी संपत्ति के ख़िलाफ़ लोगों को पीएम से उम्मीद थी, लेकिन वह चुप रहे.
- पीएम ने रात में यह घोषणा क्यों की? आख़िर ऐसी अफरातफरी का माहौल क्यों बनाया गया?
- नोटबंदी से राजस्व पर कितना और क्या असर पड़ा इस पर भी पीएम खामोश रहे.