चंदौली। बर्थराखुर्द की 12 वर्षीया अनुष्का पांडेय गुड़िया से खेलने की उम्र में जिंदगी का ऐसा संघर्ष कर रह है, जिसमें जीत पाना अब उसके लिए मुमकिन नहीं रह गया है। अत: उसने इच्छामृत्यु मांग ली है। उसकी मां गायब है, पिता जेल में। घर में बूढ़ी दादी और 2 छोटे भाई। फीस नही दी तो स्कूल से नाम कट गया है। अब खाने को अन्न भी नहीं बचा है। अनुष्का का कहना है कि या तो उसकी मां को ढूंढकर लाइए या फिर उसे इच्छामृत्यु दे दीजिए।
अनुष्का ने डीआईजी वाराणसी को एक अप्लीकेशन लिखा है जिसमें उसने कहा है कि वो उसे मौत दे दे क्योंकि वो अब और त्रासना नहीं सह सकती है। आपको बता दें कि 12 साल की इस मासूम ने अपने सगे मामा चंद्रशेखर तिवारी पर अपने पिता को फर्जी मुकदमे में फंसाने और मां को गायब करने का आरोप है। अनुष्का ने जो कहानी डीआईजी को बताई है वो काफी दर्दनाक है। उसने कहा कि उसकी मां गुड़िया पिछले 10 महीने से लापता है। पिपरी गांव निवासी उसके मामा चंद्रशेखर तिवारी 14 नवम्बर 2015 को उसके घर आये थे और उन्होंने कहा कि अनुष्का की नानी काफी बीमार है।
पिता जेल में, मां लापता, दाने-दाने को मोहताज परिवार
जिसके बाद मेरी मां, हम तीनों भाई-बहन को दादी के पास घर में छोड़कर, मामा के साथ चली गई और इसके एक महीने बाद मेरे मामा ने मेरे पिता ओमप्रकाश पांडेय पर मेरी मां के अपहरण और दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया। तब से ही मेरे पिता जेल में हैं और मां लापता, अनुष्का अपने दोनों भाई और बूढ़ी दादी के साथ चंदौली के बर्थराखुर्द में ऱह रही है। खाने-पीने की दिक्कत हो गई है। स्कूल फीस ना भर पाने के कारण तीनों बच्चों का नाम स्कूल से कट गया है। पूरा परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गया है।
मेरी मां लाओ नहीं तो इच्छामृत्यु दो
बदहाली और तंगहाली से तंग आकर अनुष्का ने डीआईजी को आपबीती सुनाकर मांग की है कि मेरे निर्दोष पिता को जेल से छुड़ाया जाए और मेरी मां का पता लगाया जाए और अगर ऐसा नहीं होता तो प्रशासन और कानून मुझे इच्छा मृत्यु का आदेश दें। चंदौली पुलिस को जांच के आदेश फिलहाल डीआईजी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चंदौली पुलिस को जांच के आदेश दिये हैं और जल्द से जल्द सच सामने लाने को कहा है।