मप्र में 13 साल से है भाजपा सरकार, फिर गुणगान 11 साल का क्यों

अरुण यादव/भोपाल। कल 4 दिसम्बर को राजधानी के जम्बूरी मैदान में मुख्यमंत्री के रूप में शिवराजसिंह चौहान के 11 वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने पर आयोजित ‘‘गरीब कल्याण योजना प्रशिक्षण’’ एवं ‘‘हितग्राही सम्मान समारोह’’ को कर्ज लेकर घी पी रही राज्य सरकार की निरर्थक कवायद है। सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के मुखिया की लगभग 100 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद की जा रही व्यक्तिगत ब्रांडिंग किस गरीब कल्याण योजना को प्रशिक्षित करेगी, सार्वजनिक होना चाहिए? 

प्रदेश के मुखिया से जानना चाहता हूं कि जब प्रदेश में 13 वर्षों से भाजपा की सरकार काबिज है, तो गुणगान सिर्फ 11 वर्षों का ही क्यों? क्या सुश्री उमा भारती व श्री बाबूलाल गौर ने इसके पूर्व के दो वर्षों में प्रदेश का सत्यानाश किया है? 

आज मध्यप्रदेश पर 1 लाख 20 हजार करोड़ रूपयों का कर्ज है। औसत प्रतिव्यक्ति 20 हजार रूपयों के कर्ज से दबा हुआ है। ऐसे समय अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए करोड़ों की रूपयों की फिजूलखर्ची किसे, कैसा और कितना लाभान्वित करेगी, खोज का विषय है ? इस आयोजन में 7 लाख लोगों के हिस्सा लेने की बात कही जा रही है, जिला कलेक्टरों को प्रत्येक जिले से 15 से 20 हजार आंगनवाड़ी व भाजपा कार्यकर्ताओं को लाने ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है। 12 हजार बसें जिला कलेक्टरों व परिवहन अधिकारियों ने बलात् अधिगृहित की हैं और प्रत्येक हितग्राही पर 650 रूपये का खर्च आंका गया है। 

सिर्फ भोजन के लिए प्रति व्यक्ति 200 रू. का बजट सुनिश्चित किया गया है। कुछेक जिलों में तो जिला कलेक्टर भाजपा के जिला/शहर अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। यही नहीं, बस ऑपरेटरों ने भी इस बात पर आपत्ति जताई है कि कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संपन्न तीन यात्राओं में भीड़ जुटाने के लिए जो बसें अधिग्रहित की गई थी, उनका भुगतान भी उन्हें अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। 

अपने 11 साल की उपलब्धियों और योजनाओं का कथित गुणगान करने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान यदि इस आयोजन में प्रदेश में आत्महत्या करने वाले 30 हजार किसानों, 35 हजार अपहृत बालिकाओं, कुपोषण से हुई 12 लाख बच्चों की मौतों, 12 अरब रू. के पोषण आहार घोटाले, 90 अरब रू. के व्यापमं महाघोटाले, 5500 करोड़ रू. के खर्च के बाद 2500 करोड़ रू. के सिंहस्थ-2016 में हुये घपले-घोटाले सहित 125 से अधिक अन्य घोटालों, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, बलात्कार, बलात्कार के बाद हत्या, अपहरण, डकैती, फिरौतियां, अल्पसंख्यक-अजा/अजजा वर्ग पर अत्याचारों को लेकर छब्त्ठ की रिपोर्ट/तथ्यों/आंकड़ों पर भी प्रकाश डालेंगे तो बेहतर होगा। 

में मुख्यमंत्री जी से यह भी आग्रह करता हूं कि वे प्रदेश में वन, रेत, शराब, भू-भवन, शिक्षा-चिकित्सा माफियाओं द्वारा संचालित समानांतर सरकार को लेकर भी प्रदेश की जनता को वास्तविकता से अवगत करायेंगे तो और भी अधिक बेहतर होगा।
लेखक मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। 

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