भारत के 15 करोड़ नागरिक मानसिक रोगी: Nimhans की रिपोर्ट

नई दिल्ली। क्या आप खुद को अन्य लोगों की तुलना में मानसिक रूप से अधिक स्वस्थ मानते हैं? क्या आपको इस सुझाव पर हंसी आती है कि किसी को मानसिक समस्या भी हो सकती है, तो आप गलत हो सकते हैं। मेंटर हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (Nimhans) के द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 साल और इसके अधिक उम्र के 15 करोड़ भारतीय एक या अधिक मानसिक समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें इलाज की जरूरत हो सकती है।

Nimhans के द्वारा तैयार की गई नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के परिणामों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को जारी किया। रिपोर्ट से पता चलता है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों में से केवल एक चौथाई को औपचारिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता से उपचार कराने की जरूरत है।

मानसिक रूप से बीमार अधिकांश रोगी 30-49 आयु वर्ग और 60 साल से ऊपर के लोग हैं। रिपोर्ट का एक अहम पहलू यह है कि मानसिक बीमारियों के मामलों शहरी क्षेत्रों में अधिक हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में तनाव से संबंधित विकार (भय व चिंता की बीमारी) अधिक है।

रिपोर्ट में निष्कर्ष दिया गया है कि एक मानसिक स्वास्थ्य पर एक राष्ट्रीय आयोग का गठन जरूर किया जाना चाहिए। इसमें मानसिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक विज्ञान, न्यायपालिका से पेशेवरों को शामिल किया जाना चाहिए।

ये पेशेवर मानसिक स्वास्थ्य की नीतियों से संबंधित सेवाओं की देख-रेख और समीक्षा करें। सर्वे टीम ने लगभग 40,000 व्यक्तियों का साक्षात्कार किया। इनमें देश के 6 क्षेत्रों में 12 राज्यों के 1,200 किशोर शामिल थे।
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