
इतने बड़े पैमाने पर लोगों को लाने के लिए प्रदेश भर से 12 हजार बसें और 2000 छोटे वाहन अधिग्रहीत किए गए हैं। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल पर पांच डोम के साथ पांडाल बनाया गया है जो 8.5 वर्ग फीट में फैला है। हितग्राहियों को बस से लाते समय नाश्ते व खाने, और डीजल पर 21 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने पूरे आयोजन का जिम्मा नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा कृषि विभाग को दिया गया है। ये ही पूरा बजट खर्च कर रहे हैं। इन विभागों के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पूरे कार्यक्रम पर करीब 50 करोड़ के आस-पास व्यय हो रही है जो कलेक्टरों को जारी कर दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 12 बजे और समापन 2 बजे होगा।
यानी दो घंटे के लिए 50 करोड़ रुपए से अधिक पैसा खर्च होगा। सीहोर, होशंगाबाद, विदिशा आदि से ही भारी संख्या में लोग आ रहे हैं, इन्हें लाने के लिए इंदौर, देवास व आसपास से बसें भेजी गई हैं। इस बीच भोपाल के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव बीपी सिंह और डीजीपी ऋषि शुक्ला ने शनिवार को कार्यक्रम स्थल का दौरा किया।