शडहोल। पुलिस ने 2000 के नकली नोट छापने के आरोप में पैथोलॉजी लैब संचालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से नकली नोटों के अलावा की छपाई में प्रयोग किए जा रहे स्कैनर और प्रिंटर सहित अन्य उपकरण जब्त किए है.
शहडोल पुलिस के अनुसार, ऑटोमोबाइल के काम से जुड़ा अमित राय नाम का युवक शनिवार रात को चमड़िया पेट्रोल पंप पर दो हजार रुपए का नकली नोट चलाते हुए पकड़ा गया. अमित ने तीन सौ रुपए का पेट्रोल डलवाने के बाद दो हजार का नकली नोट थमाया था. नोट को देख पंपकर्मी को शक हुआ तो उसने इस बारे में अपने साथियों को जानकारी दी, जिन्होंने अमित को पंप पर ही रोक लिया और पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर अमित से सख्ती से पूछताछ की तो उसने नकली नोट चलाने की बात कबूल कर ली. अमित ने बताया कि उसे यह नोट पैथोलॉजी लैब का संचालन करने वाले रवि गुप्ता ने दिया है. अमित के बयान के आधार पर पुलिस ने पैथोलॉजी लैब पर दबिश दी तो वहां कम्प्यूटर में स्कैन किए दो हजार रुपए के नोट की एक कॉपी मिल गई. स्कैन किए गए नोट और अमित के पास मिले नोट के नंबरों का मिलान किया गया तो दोनों के नंबर समान निकले. हालांकि, रवि सारे सबूतों के बावजूद पुलिस को गुमराह करता रहा.
डस्टबिन ने उगला सबूत
पुलिस ने पैथोलॉजी लैब की तलाशी ली तो उसी नंबर का एक नोट डस्टबीन में मिल गया. दरअसल, प्रिंटिंग के दौरान एक नोट की प्रिंटिंग सही तरीके से नहीं होने की वजह से रवि ने उसे फाड़कर डस्टबिन में फेंक दिया था. डस्टबिन से मिले नोट के टुकड़ों ने हीं उसकी पोल खोलकर रख दी.
दोनों से पूछताछ
पुलिस ने बताया कि रवि स्कैनर की मदद से नोटों को स्कैन करने के बाद कलर प्रिंटर की मदद से नोटों की छपाई करता था. पुलिस रवि और उसके दोस्त अमित से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों कितने वक्त से नकली नोट की प्रिंटिंग कर रहे थे और अब तक कितने नोट वह बाजार में खपा चुके है.