नई दिल्ली। अज्ञात साधनों से होने वाली आय को कालाधन कहा जाता है और जहां कालाधन मिलता है वो देशद्रोही कहा जाता है। भारतीय जनता पार्टी की सर्वाधिक आय अज्ञात व्यक्तियों से ही होती है। कांग्रेस भी दूध की धुली नहीं है। यह सारी रकम अज्ञात व्यक्ति के नाम पर चंदे के रूप में दर्ज की गई है।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार भाजपा द्वारा घोषित किया गया चंदा, कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम और टीएमसी द्वारा घोषित चंद से तीन गुना ज्यादा है। अब इन दलों को जरूरत है कि वो 20 हजार से ज्यादा का गुप्त दान देने वाले इन दानदाताओं की पहचान करें।राजनीतिक दलों को मिले इस गुमनाम दान का खुलासा एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा किए एक एनालिसिस में हुआ है। इसकी पूरी जानकारी चुनाव आयोग को भेज दी गई है।
एडीआर द्वारा किए गए अलग एनालिसिस में पाया गया कि 2004 से 2015 के बीच राजनीतिक दलों को मिलने वाला फंड मुख्य रूप से कैश में है जो इस फंड का 63 प्रतिशत है। हालांकि इन दलों द्वारा 20 हजार की सीमा से उपर मिले गुमनाम चंदे की कुछ ही मात्रा की जानकारी दी गई है जो यह दिखाता है कि इन्हें मिलने वाला ज्यादातर चंदा अज्ञात लोगों से मिलता है।
दूसरी तरफ दलों को मिले 20 हजार से कम के चंदे की जानकारी अभी साफ नहीं है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव आयोग के सामने अब तक अपने आयकर रिटर्न की जानकारी नहीं दी है। बसपा की बात करें तो उसने घोषणा की है कि उसे 2015-16 में 20 हजार से ज्यादा का कोई चंदा नहीं मिला है।
कुल चंदे में आई गिरावट
इस पूरे मामले में दिलचस्प बात यह है कि इस साल राष्ट्रीय दलों को मिलने वाले चंदे में 528 करोड़ तक की कमी आई जो 2014-15 के मुकाबले 84 प्रतिशत कम है। एनसीपी ने बताया है कि 2014-15 के मुकाबले इस साल उसे मिलने वाला चंदा 98 प्रतिशत कम है और यह 38 करोड़ से गिरकर 71 लाख रुपए पर आ गया है। वहीं भाजपा को 2014-15 में मिले 437 करोड़ के मुकाबले इस साल सिर्फ 76 करोड़ का चंदा मिला है जो कि 82 प्रतिशत कम है।
कांग्रेस को मिला सबसे ज्यादा कैश डोनेशन
जहां तक इन दलों को कैश में मिलने वाले चंदे की बात है तो 2014-15 में इन्हें 89 लाख रुपए ही तय सीमा 20 हजार से ज्यादा चंदे के रूप में मिले थे। लेकिन इस साल यह 112 डोनेशन से मिले दान के चलते 1.45 करोड़ पर पहुंच गया है। नकदी में सर्वाधिक चंदा कांग्रेस को मिला है जो 1.17 करोड़ रुपए का है और इसके बाद सीपीआई और भाजपा है जिन्हें क्रमश: 22.22 लाख और 51 हजार रुपए है।
कर्नाटक ने दिया सबसे ज्यादा
चंदा देने वाले राज्यों के मामले में कर्नाटक सबसे आगे है जिसने 80 लाख रुपए का डोनेशन दिया वहीं दूसरे नंबर पर मेघालय है जिसने 21.54 लाख रुपए दान किए हैं।