
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में 17 करोड़ 74 लाख 66 हजार रूपए जमा हुए है जबकि नोट बदलने और जमा करने के लिए आरबीआई द्वारा सीमा निर्धारित की गई थी लेकिन नोटबंदी के दौरान बैंक में इतनी मात्रा में राषि जमा होने को आयकर विभाग ने गंभीरता से लिया है और भोपाल से आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है लेकिन अभी तक यह नोटिस बैंक को प्राप्त नही हुआ है। इस संबंध में बैंक प्रबंधन का कहना है कि हमें जो आदेष प्राप्त हुये थे उसी के अनुसार राषि जमा कराई गई है। राषि जमा कराने की कोई बाध्यता नही थे। सहकारी केंद्रीय बैंक में जमा की गई राषि कहीं कालाधन तो नही इस बात के कयास भी लगाये जा रहे है। सहकारी बैंक की 19 शाखाओं के माध्यम से यह पुरी राषि जमा की गई है। इस संबंध में कुछ राजनीतिक दलों का मानना है कि नोटबंदी के बाद आरबीआई के नियमों को दरकिनार करते हुये इतनी बड़ी मात्रा में सहकारी बैंक के माध्यम से भाजपा के बड़े दिग्गज नेता और भूमाफियाओं का काला धन जमा किया गया है। जिसकी सीबीआई जॉच होनी चाहिए।
राजनीतिक दलों का कहना है कि मध्यप्रदेश में जितने भी प्राईवेट सेक्टर के बैंक है उन सभी में कालाधन जाम किया गया है इनकम टैक्स विभाग को एडी और सीबीआई के साथ मिलकर छापाकर कार्यवाही करनी चाहिए और सारे खातों को सील करना चाहिए। वहीं पुर्व विधायक का कहना है कि इस पुरे मामले में उनके द्वारा पीएम मोदी को पत्र लिखा गया जिसमें मध्यप्रदेष के कुछ आईएस अधिकारी कुछ बैंको के अधिकारियों के नाम का खुलासा किया गया है।