
शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक अमृत शहरों के सिर्फ उन्हीं राज्यों के प्लान को मंजूरी दी गई है,जिसके प्लान में योजना के बेहतर क्रियान्वयन और लक्ष्य को तय किया गया था। इसके अलावा निवेश के इस प्लान को वित्तीय वर्ष 2015-16 से मंजूरी दी गई है। इसके तहत अमृत शहरों में विकास के इस लक्ष्य को वित्तीय वर्ष 2019-20 तक हासिल कर लिया जाएगा। बता दें कि शहरी विकास मंत्रालय ने एक लाख या उससे ज्यादा आबादी वाले देश के 98 शहरों को कायाकल्प और विकास की इस योजना में शामिल किया है।
इन शहरों के निवेश के प्लान को दी गई मंजूरी
मंत्रालय ने जिन 14 राज्यों के निवेश के प्लान को मंजूरी दी है, उनमें मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, गोवा, त्रिपुरा, मिजोरम, चंडीगढ़ और मेघालय भी शामिल है। बता दें कि अमृत शहरों का चुनाव देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया है।
ऐसे दी गई मंजूरी
मंत्रालय के मुताबिक राज्यों के निवेश प्लान को मंजूरी एक पारदर्शी व्यवस्था के तहत किया गया है। इसके लिए तीन चरणों की प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसमें पहला लेवल स्टेट लेवल टेक्नीकल कमेटी, दूसरा लेवल स्टेट लेवल इंपॉवर्ड कमेटी और तीसरा और अंतिम चरण मंत्रालय की एपेक्स कमेटी का था। सभी चरणों के अलग-अलग नंबर तय किए गए थे। बाद में बेहतर प्लानिंग और लक्ष्य के क्रियान्वयन के आधार को प्लान को मंजूरी दी गई।