भोपाल। राजधानी के भाजपा नेता और राज्य आवास संघ के पूर्व अध्यक्ष सुशील वासवानी कोई अवसरवादी कांग्रेसी नहीं है जो दल बदलकर भाजपा में आ गया है। वो तीन पढ़ियों से संघ परिवार से जुड़े हैं। मीसाबंदी हैं, जिन्हे भाजपाई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पुकारते हैं। दीवार पर मोदी की फोटो शान से टंगी है। सोशल मीडिया पर मोदी को कवर पेज बनाया है लेकिन जब इनकम टैक्स का छापा पड़ा तो करोड़ों की काली कमाई मिली।
वासवानी की पत्नी किरण बैरागढ़ स्थित महानगर बैंक की चेयरमैन हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद करीब आधा दर्जन टीम ने मंगलवार सुबह 6 बजे वासवानी के घर पर रेड मारी। आरोप है कि नोटबंदी के बाद वासवानी ने अपने अकाउंट में आय से ज्यादा पैसा जमा किया था।
बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में संघ के नेता
वासवानी के सहकारी बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में प्रदेश के मिनिस्टर से लेकर संघ से जुड़े कई लोग शामिल हैं। सुशील वासवानी महानगर सहकारिता बैंक के चेयरमैन भी हैं। उन पर आरोप है कि नोटबंदी के बाद उन्होंने को-ऑपरेटिव बैंक के अपने अकाउंट में आय से ज्यादा पैसा जमा किया। आशंका जताई जा रही है कि नोटबंदी के बाद बैंकों के जरिए बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया।
क्या क्या मिला आयकर की टीम को
वासवानी के पास बैरागढ़ स्थित नेहरू पार्क के पास दो मंजिला मकान- कीमत 5 करोड़।
नर्सरी क्षेत्र में दूसरा मकान-कीमत 12 करोड़।
निरंकारी रोड पर तीसरा मकान- कीमत 1 करोड़।
हलालपुरा क्षेत्र में सुदर्शन पैलेस होटल- कीमत 5 करोड़।
हलालपुरा बस स्टैंड के पीछे कंटेनर बनाने की फैक्ट्री।
एमपी नगर में सुदर्शन होटल।
मिसरोद रोड पर कार शोरूम।
हमीदिया रोड पर भी संपत्ति होने के दस्तावेज मिले हैं।
सुशील वासवानी का परिचय
वासवानी परिवार की 3 पीढ़ियां संघ से जुड़ी हैं।
वे राज्य आवास संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं।
मीसाबंदी के दौरान भी उनकी गिरफ्तारी हुई थी।
वासवानी की बहू दीपा वार्ड 05 की पार्षद व जोन 01 में अध्यक्ष हैं।
सुशील वासवानी के तीन भाई हैं, जिनके नाम नरेश, सुरेश और हरीश हैं। सभी भाई साथ रहते हैं।
68 वर्षीय वासवानी की मां हरिदेवी का स्वास्थ खराब होने के चलते उन्हें बंसल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारी और पुलिस भी उनके साथ मौजूद है।
वासवानी कभी परिवहन विभाग में बस कंडक्टर थे।
वासवानी मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के करीबी रहे हैं।