शिवराज सिंह का औचक दौरा, जीएमसी डीन समेत 3 को हटाया

Bhopal Samachar
भोपाल। हमीदिया हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसकी आंखें चूहे कुतरने का मामला मीडिया में आने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अचानक हॉस्पिटल का निरीक्षण करने जा पहुंचे। उन्होंने मरीजों से बातचीत करके हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। CM ने गंदगी को लेकर भी नाराजगी जताई। 

हॉस्पिटल में चूहों ने कुतरीं लाश की आंखें, मिनिस्टर बोले,'चूहों पर किसी का वश नहीं'हमीदिया में बेसहारा गंभीर मरीजों को भगा देते हैं डॉक्टर, NGO का शेड बना सहारा
इस मामले में लापरवाही बरतने पर CM ने चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रभांशु कमल, गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. उल्का श्रीवास्तव और संचालक चिकित्सा शिक्षा जीएस पटेल को हटा दिया है। प्रमुख सचिव चिकित्सा गौरी सिंह को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

अचानक हॉस्पिटल पहुंचे CM, मरीजों से जाना हाल...
शिवराज सिंह शुक्रवार सुबह अचानक हमीदिया हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने मामले की जानकारी के बाद तीन अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। CM ने सफाई का ठेका भी निरस्त कर दिया। इस दौरान हॉस्पिटल में अफरा-तफरी का माहौल रहा। हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने आनन-फानन 'शेयर एंड केयर संस्था'के टीन शेड में मिले 18 मरीजों को हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया। इनमें से कई मरीज 4-5 महीने से यहां बेहतर इलाज की उम्मीद में पड़े हुए थे। CM ने जब मरीजों से बात की, तो बताया गया कि डॉक्टर और स्टाफ मारपीट करके भगा देता है। ठीक से इलाज नहीं करता। पैसे मांगता है।

गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री शरद जैन ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेते दिए थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरीसिंह ने इस मामले की गंभीरता से जांच करने की बात कही थी। उन्होंने आगामी 24 घंटे के अंदर हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक से इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी थी।

यह है मामला....
कुछ दिनों पहले हमीदिया हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसकी आंखें चूहे कुतरते रहे। शेयर एन केयर संस्था को गुलाब बाई नाम की करीब 60 साल की यह महिला अस्पताल परिसर में बेहोशी की हालत में मिली थी। वह अकेली थी। उसके हाथ में इंफेक्शन इतना गंभीर था कि उसमें कीड़े थे।
अस्पताल में ऐसे मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया जाता है, जिनकी देखरेख करने वाला साथ में कोई नहीं होता। इसलिए संस्था के ही शेड में इस महिला का इलाज शुरू किया गया।
इंफेक्शन कम करने की दवाएं भी दीं। मगर दो दिन पहले देर रात उसकी मौत हो गई।
संस्था के संचालक सैयद सुहैल हसन ने बताया कि कुछ दिन पहले जब यह महिला सामने आई तब कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं थी।
काउंसलिंग के दौरान उसने सिर्फ अपना नाम गुलाब बाई बताया। हम उसे शेड में ले आए थे। 
इलाज के दौरान उसकी मौत के बाद शव की आंखें परिसर में चूहों ने कुतर डालीं। शव को मर्चूरी में रखवा दिया गया। बाद में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

आयोग ने मांगी रिपोर्ट
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने हमीदिया अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा बेसहारा गंभीर मरीजों को भगा देने की खबर पर संज्ञान लिया है। आयोग ने इस सिलसिले में प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, डीन गांधी मेडिकल कॉलेज और अधीक्षक हमीदिया हॉस्पिटल से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांगी है कि 65 वर्षीय मरीज गुलाब बाई और 70 वर्षीय मरीज गोविंदीलाल का इलाज किन कारणों से नहीं किया गया? गुलाब बाई का उपचार क्यों नहीं किया, जिससे उसकी मृत्यु हुई। बेरसिया के गोविंदीलाल को 20 दिसम्बर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डाक्टर्स द्वारा ऑपरेशन के लिए 10 हजार की मांग की गई थी। पैसे नहीं मिलने के चलते डाक्टर्स द्वारा उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। इसी तरह गुलाब बाई को इलाज नहीं मिलने पर उसकी मृत्यु हो गई।

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