अजाक के 40 जिला संयोजकों के वेतन रोके गए

Bhopal Samachar
भोपाल। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह के एक आदेश से लगभग 40 जिलों के जिला संयोजक और सहायक आयुक्तों का तीन माह से वेतन भुगतान रोक दिया गया है। पीएस की जिद है कि पहले दिए गए टारगेट को पूरा करो। वहीं जिलों के अफसरों का कहना है कि जनसंख्या के मान से टारगेट नहीं दिया गया। जिस जिले में अनुसूचित जाति के लोग नहीं हैं वहां कैसे टारगेट पूरा करें। 

प्रमुख सचिव ने सभी जिलों के जिला संयोजक और सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग को निर्देश जारी किये थे कि मप्र रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षण देने का टारगेट पूरा करें। आदेश के बाद पांच जिलों गुना, सतना, मंडला, बैतूल और उज्जैन ने लक्ष्य पूरा कर लिया लेकिन बाकी जिले फिसड्डी बने रहे। खराब परफारमेंस के कारण विभाग के प्रमुख सचिव ने अगला आदेश जारी किया कि जबतक टारगेट पूरा नहीं हो, किसी भी डीईओ ट्राइबल का वेतन नहीं दिया जाये। कलेक्टर को लिखी गई चिट्ठी के बाद से जिलों के अफसरों का तीन माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है।

अब CR में भी होगा दर्ज
प्रमुख सचिव ने करीब एक सप्ताह पहले एक और पत्र कलेक्टरों को जारी किया है। इसमें कहा गया है कि टारगेट पूरा नहीं करने वाले जिला संयोजकों की सीआर में दर्ज किया जाये। ऐसा किया गया तो अधिकांश अफसरों के प्रमोशन प्रभावित होंगे तथा सर्विसकाल में बड़ा दाग लगेगा।
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सरकारी व्यवस्था के तहत आदेश जारी होते रहते हैं। प्रशिक्षण कार्य पूरा होने तक वेतन नहीं देने संबंधी कोई आदेश दिया है, फिलहाल मुझे याद नहीं है। आॅफिस समय पर आप संपर्क करें, तभी कुछ बताया जा सकता है।
अशोक शाह प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति कल्याण विभाग

शिविर लगाकर करो लक्ष्य पूरा
योजना है कि आदिवासी और अनुसूचित जाति बाहुल्य जिलों में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लक्ष्य के अनुरूप बजट उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन कई जिले लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए हैं। इस कारण प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये थे कि जिलावार शिविर लगाकर लक्ष्य पूरा किया जाए। जो नहीं हो सके।

ये कैसे टारगेट
अनुसूचित जाति विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्य पूरा करने के लिए जिलेवार जो टारगेट दिये गये हैं, उसको लेकर जिले के अधिकारी सहमत नहीं हैं। एक अधिकारी ने बताया कि उनका जिला आदिवासी बाहुल्य है। यहां 13 लाख आदिवासी हैं, इसके मान से जिले को 300 का लक्ष्य मिला। हमने ये लक्ष्य पूरा भी कर दिया है। इसके उलट जिले में अनुसूचित जाति की एक लाख की आबादी है तो 100 का लक्ष्य दिया गया। ये कैसा लक्ष्य निर्धारण है। अधिकारी ने कहा कि हमारा तीन माह से वेतन रुका हुआ है। ऐसा तुगलगी फरमान है।

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