मेहसाणा/गुजरात। अंतत: राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'निजी भ्रष्टाचार' वाले मामले का खुलासा करना शुरू कर दिया है। राहुल ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब उन्होंने सहारा समूह से 40 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। यह रिश्वत अक्टूबर, 2013 से फरवरी 2014 के बीच 5 महीने में 9 किश्तों में ली गई। राहुल के अनुसार 22 नवंबर, 2014 को सहारा समूह पर आयकर विभाग के छापे में यह जानकारी मिली लेकिन ढाई साल बाद भी इसकी जांच नहीं हुई।
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बुधवार को राहुल पहली बार गुजरात में किसी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी ने सहारा के साथ ही बिड़ला कंपनी से भी कई बार करोड़ों रुपए लिए हैं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी की योजना कालेधन के खिलाफ या देशहित में नहीं है। इसका मकसद विजय माल्या जैसे चोरों का कर्ज माफ करना है। राहुल ने कहा कि स्विट्जरलैंड सरकार ने स्विस बैंक खाताधारकों के नाम सरकार को भेज दिए हैं लेकिन इनका खुलासा नहीं किया जा रहा।
उन्होंने कहा कि कैशलेस इकोनॉमी का मकसद भी देशहित में नहीं है। जबकि कंपनियों को 5-6 प्रतिशत कमीशन दिलवाना है। बता दें कि यदि आप किसी को कार्ड से या आॅनलाइन पेमेंट करते हैं तो एक न्यूनतम कमीशन आपके अकाउंट से कट जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी को गंगा समान पवित्र बताए जाने पर कांग्रेस ने कहा कि गंगा तो मैली हो गई। इसकी सफाई का अभियान चल पड़ा है। पार्टी ने कहा कि राहुल के सवाल पर तिलमिलाने की जरूरत नहीं है। पीएम मोदी खुद सामने आकर जनता को सच बताएं।