मप्र विधानसभा: 5 दिन के सत्र में क्या क्या हो पाएगा

Bhopal Samachar
भोपाल। विधानसभा मप्र में लोकतंत्र का एकमात्र मंदिर जहां मुद्दों पर चर्चा होती है, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई जाती है। कानून बनाए जाते हैं और आमजन के हित सुरक्षित किए जाते हैं परंतु मप्र विधानसभा के शीत सत्र में क्या एक भी उद्देश्य पूरा हो सकेगा। सवाल इसलिए क्योंकि सत्र मात्र 5 दिन चलना है। इसके लिए अब तक 100 से ज्यादा ध्यानाकर्षण, 14 स्थगन, 2 हजार से ज्यादा सवाल और 37 शून्यकाल सूचनाएं, 26 अशासकीय संकल्प और 5 कामरोको प्रस्ताव लग चुके हैं। यदि सदन 24 घंटे भी चले तो भी यह सबकुछ संपन्न नहीं हो पाएगा। स्वभाविक है, सिर्फ हंगामा ही हो सकेगा। इस बीच 3 विधेयक बिना चर्चा के प्रस्तुत हो जाएंगे और शायद पारित भी। 

बालाघाट संघ प्रचारक कांड पर हंगामा होगा 
पांच दिसम्बर से शुरू हो रहे विधानसभा की शीतकालीन सत्र में बालाघाट में हुए संघ प्रचारक पिटाई मामले के खासे गर्माने के आसार हैं। इस मामले पर भाजपा विधायक ही पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए अपनी ही सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। भाजपा के कई विधायकों ने इस संबंध में ध्यानाकर्षण भी लगाएं हैं। 

भोपाल एनकांउट पर मचेगा बवाल 
इसके अलावा भोपाल के जेल ब्रेक और सिमी आतंकियों के एनकाउंटर समेत कानून-व्यवस्था और नोटबंदी से जुड़े मामलों पर भी विधायकों ने ध्यानाकर्षण लगाए हैं। विधानसभा का सत्र पांच दिसम्बर से शुरू होकर 9 दिसम्बर तक चलेगा। इस दौरान सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी। पांच दिवसीय इस सत्र को लेकर अब तक विधानसभा को विधायकों के 2 हजार 76 सवाल विधानसभा सचिवालय को मिल चुके हैं। 

साम्प्रदायिक तनाव भी हंगामा तय है 
इसके अलावा सौ से अधिक ध्यानाकर्षण भी विधानसभा आ चुके हैं। कांग्रेस ने विदिशा, रायसेन, धार, झाबुआ समेत आधा दर्जन स्थानों पर हाल ही में हुई सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं को लेकर ध्यानाकर्षण लगाया है। विपक्ष पांच मसलों पर कामरोको प्रस्ताव लाने की भी तैयारी में है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!