नईदिल्ली। अभद्रता, अनुशासनहीनता एवं प्रिंसिपल के मारपीट के मामले में बर्खास्त किए गए एक शिक्षक को हाईकोर्ट ने बहाल करने के आदेश दिए परंतु तमिलनाडु के एक अल्पसंख्यक संस्थान-अनाइकर ओरियंटल (अरबी) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करके कहा कि वो एकमुश्त हर्जाना देने को तैयार है परंतु शिक्षक को बहाल करने के लिए नही।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि स्कूल प्रबंधन अध्यापक के प्रति विश्वास खो चुका है, इसलिए बेहतर होगा कि नौकरी पर बहाली का आदेश देने के बजाय एकमुश्त हर्जाना दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जस्ती चेलमेर और प्रफुल्ल चंद्र पंत की बेंच ने सुनवाई में कहा कि जीव विज्ञान के अध्यापक हारून को दो माह के अंदर 50 लाख रुपए का भुगतान किया जाए.
वह अनाइकर ओरियंटल (अरबी) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक थे. स्कूल प्रबंधन ने उन पर आरोप लगाया था कि वह स्कूल के प्रिंसपल के निर्देशों की लगातार अवहेलना कर रहे थे. हारून ने 2002 से ही प्रिंसपल के आदेशों को दरकिनार करना शुरू कर दिया था. उन्होंने साइंस क्लब का आयोजन नहीं किया.
2006-07 के शैक्षिक सत्र का स्टॉक रजिस्टर जमा नहीं किया. 2007 की प्रयोगात्मक परीक्षा की उत्तर-पुस्तिका भी पेश नहीं की. उसके अगले साल कक्षा 12 की प्रयोगात्मक परीक्षा का आयोजन करने से इनकार कर दिया.
विवाद यहीं नहीं थमा बल्कि जून 2008 में उनके उपर प्रिंसिपल को पीटने का भी आरोप लगाया गया. पहले उसे निलंबित किया गया और जांच के बाद एक सितम्बर 2008 को बर्खास्त कर दिया गया.
स्कूल पंचाट ने प्रबंधन के आदेश को सही बताया, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट की एकल पीठ और खंडपीठ ने पंचाट के फैसले को पलट दिया. मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि टीचर को गलत तरीके से हटाया गया. सुप्रीम कोर्ट में स्कूल की अपील आने पर अदालत ने हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया लेकिन प्रबंधन ने कहा कि वह हारून को वापस नौकरी पर रखना नहीं चाहता. स्कूल प्रबंधन के रिश्ते अध्यापक से बहुत खराब हो चुके हैं.
स्कूल प्रबंधन एकमुश्त हर्जाना देने को तैयार है. स्कूल ने 50 लाख रुपए हर्जाने की पेशकश की, जिसे प्रतिवादी टीचर ने स्वीकार कर लिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वेतन समेत सभी एरियर के साथ बहाली के स्थान पर अध्यापक को 50 लाख रुपए का हर्जाना देना बेहतर है. सुप्रीम कोर्ट ने बहाली के आदेश को दरकिनार करके 50 लाख रुपए अदा करने का आदेश दिया.