
गौरतलब है कि बीते 29 नवंबर को विवाहिता ने आठ लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म व दो बार बेचने का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद पुलिस तीन आरोपितों को गिरफ्तार भी कर चुकी। दुष्कर्म की इस वारदात का पता लगने के बाद पीड़िता के पति ने जहर खा लिया था और बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में उसका इलाज चला था।
आसल खेड़ी निवासी विवाहिता ने मामला दर्ज कराया था कि वह 22 नवम्बर को दोपहर ढाई बजे अपने पीहर गांव जाने के लिए असलखेड़ी गांव से रवाना हुई थी, वो जब बस स्टैंड पर खड़ी थी उसी समय एक जीप आई और उससे पूछा कि उसे कहां जाना है? और उसे पुनरास गांव छोड़ने की बात कही। इस पर उस जीप में सवार हो गई।
जीप में सवार तीनों लोग उसे सुनसान खेतों में ले गए और दो दिन तक तीनों ने उसके साथ गैंगरेप किया। खेत में गैंगरेप के बाद तीनों आरोपियों ने पीड़िता को एक लाख रुपए में चार लोगों को बेच दिया। इन चारों लोगों ने भी तीन दिन तक इस महिला के साथ गैंगरेप किया।
गैंगरेप के बाद इन चारों आरोपियों ने भी पीड़िता का दो लाख रुपए में सरदारशहर तहसील के शिमला गांव के एक व्यक्ति को बेच दिया। इसने भी महिला से साथ वही बर्ताव किया।
इस बीच पीड़िता के पीहर पक्ष और ससुराल वालों ने भालेरी पुलिस थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 28 नवंबर को महिला को शिमला गांव से रेस्क्यू किया। पीड़िता के 29 नवम्बर को महिला थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया। इसमें नामजद 8 लोगों के खिलाफ अपहरण, खरीद फरोख्त व गैंगरेप का मामला दर्ज करवाया गया। इस मामले की जांच सरदारशहर के डीवाईएसपी राजेन्द्र ढिढारिया को सौंपी गई। डीवाईएसपी ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी जब पीड़िता के पति को लगी तो उसने जहर खाकर खुदकुशी करने का प्रयास किया लेकिन समय रहते इलाज मिलने पर उसकी जान बच गई।
वहीं, इतनी पीड़ा सहन करने के बाद भी पीड़ित महिला इस सदमे से उबर नहीं पाई और गुरुवार को जब वो घर में अकेली थी उसी समय उसने आत्मदाह करने के लिए खुद पर केरोसीन डालकर आग लगा ली। महिला को तुरंत तारानगर और चूरू के अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उसे गंभीर हालत में बीकानेर रेफर कर दिया गया।